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स्वास्थ्य समाचार : महिला पर्यवेक्षिकाओं को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण

महिला पर्यवेक्षिकाओं को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण
• जिले के विभिन्न प्रखंडों के 66 महिला सुपरवाइजरों को दी गयी ट्रेनिंग
• पोषण अभियान के अंतर्गत आईसीडीसीएस कैस की क्रियान्वयन के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
गोपालगंज। शहर के एक निजी होटल में आईसीडीएस के द्वारा महिला पर्यवेक्षकों को कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन डीपीओ शम्स जावेद अंसारी के द्वारा किया गया। मौके पर डीपीओ ने कहा कि पोषण अभियान की सफलता के सामुहिक सहभागिता जरूरी है। इसके लिए सभी लोगों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। पोषण अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए आईसीडीएस-कैस एप्लीकेशन की शुरूआत की गयी है। अभियान के दौरान होने वाले गतिविधियों को ऑनलाई डैसबोर्ड पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे। इसमें विभिन्न प्रखंडों की 66 महिला पर्यवेक्षिकाएं शामिल हुई। प्रशिक्षण के दौरान केयर इंडिया ने तकनीकी सहायता प्रदान की। राज्य से आये केयर इंडिया के विशाल दुबे, विनायक शुक्ला, रूपेंद्र कुमार साहू के द्वारा ट्रेनिंग दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षिकाओं व आंगनबाड़ी सेविकाओं को इस कॉमन एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर की उपयोगिता के बारे में जानकारी दी। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने बताया इस एप्लिकेशन के माध्यम से दैनिक कार्यों के अलावा सामुदायिक स्तर पर आयोजित कार्यक्रम संबंधी गतिविधियों का दर्ज किया जाता है। इससे आंगनबाड़ी के कामों की मॉनिटरिंग आसान हो जाती है। साथ ही एप्लिकेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा भरे जाने ढेर वाले रजिस्टरों की सारी जानकारी इस एक एप्लिकेशन के माध्यम से भरी जाती है। ऐसे में रजिस्टर रखने का भी झंझट नहीं रहता है। प्रशिक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षकों को गर्भवती व कुपोषित बच्चों के पोषण संबंधी जानकारी उनके परिवार को देने के लिए भी कहा गया। इस मौके पर केयर इंडिया के डिटीएल मुकेश कुमार सिंह, परिवार नियोजन समन्वयक अमित कुमार, राष्ट्रीय पोषण मिशन के जिला समन्वयक बृजकिशोर प्रसाद श्रीवास्तव समेत अन्य उपस्थित थे।
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आगनबाड़ी केंद्रों के कामकाज होंगे अपडेट:
केयर इंडिया के डिटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया इस एप्लीकेशन से आगनबाड़ी सहायिका तकनीकी रूप से सक्षम हो पाएंगी। इसके लिए आगनबाड़ी केंद्रों को मोबाइल दिए गए हैं। इस एप्लीकेशन की मदद से रजिस्टर की जगह मोबाइल से ही आगनबाड़ी केंद्रों के कामकाज को अपडेट किया जा सकेगा। साथ ही आइसीडीएस की अन्य गतिविधियों की मॉनीटरिंग में भी आसान होगी। एप्लीकेशन हमेशा अपडेट रहेगा, जिससे कार्यक्रम के कार्यान्वयन में सहूलियत होगी।
रियल टाइम मॉनीटरिंग अब होगा आसान:
एफपीसी अमित कुमार ने बताया कि महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिए गए इस प्रशिक्षण से आगनबाड़ी के कार्यो की वास्तविक समय में निगरानी करना आसान होगी। आगनबाड़ी केंद्रों के कामकाज, पंजीकरण व अन्य कार्यो की मॉनीटरिंग महिला पर्यवेक्षिकाओं सहित प्रखंड व जिला स्तर के पदाधिकारी भी कर सकेंगे। सभी लेखाजोखा मोबाइल पर उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही यदि कोई काम नहीं हुआ है उसकी जानकारी के लिए आगनबाड़ी सेविकाओं को तुरंत सूचना प्राप्त हो जाएगी। आगनबाड़ी केंद्रों में धात्री महिलाएं टीकाकरण, बाल स्वास्थ्य संबंधित 11 रजिस्टरों में रिपोर्टिग की जाती है। अब ऑनलाइन रिपोर्टिंग कर रजिस्टरों से मुक्ति मिल जाएगी।
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पोषण संबंधी बातों की भी दी गई जानकारी:
प्रशिक्षण के दौरान महिला पर्यवेक्षिकाओं को आगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों व गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी पोषण संबंधी जानकारी भी देने के लिए कहा गया। उन्हें यह बताया गया कि प्रत्येक गर्भवती का आगनबाड़ी केंद्र में पंजीकरण जरूर होना चाहिए। घर जाकर गर्भवती के खानपान की समीक्षा करें और भोजन में हरी पत्तेदार सब्जी व उच्च प्रोटीन युक्त आहार खाने की सलाह दें। कुपोषित बच्चों के आहार सूची उनके परिवार के साथ साझा करें। यदि नवजात कम वजन का है तो नियमित स्तनपान व कंगारू केयर की जानकारी माता पिता को दें ताकि नवजात शिशु के स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सके।