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गोपालगंज – मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग प्रयासरत: सिविल सर्जन

मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग प्रयासरत: सिविल सर्जन
• सदर अस्पताल में उपलब्ध है पर्याप्त आक्सीजन सिलेंडर
• गर्भवती महिलाएं, घायल व गंभीर मरीजों के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध
गोपालगंज/ 26, जून। मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए विभाग प्रयासरत है। सदर अस्पताल में समिति संसाधनों में मरीजों को बेहतर सेवा उपलब्ध करायी जा रही है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने कही। उन्होने बताया सदर अस्पताल में आक्सीजन सिलेंडर की कोई कमी नहीं है। अभी कोरोना संकट को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है और सभी तरह की तैयारियां की गयी है। इमरजेंसी वार्ड में आने वाले मरीजों को बेहतर सेवा उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होने बताया सदर अस्पताल में जब वज्रपात से पीड़ित मरीज आये थे। उस समय इमरजेंसी में चार डॉक्टर मौजूद थे। एक साथ 13 डेड बॉडी आने के बाद कुछ डॉक्टर पोस्टमार्टम हाउस चले गये थे। लेकिन बाकी के डॉक्टर घायलों के इलाज में जुटे हुए थे। सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों को बेहतर इलाज किया जा रहा है। बारिश के पानी से परिसर में जलजमाव की स्थिति बनी हुई है। पानी निकासी के लिए उपाय किये जा रहे है। साफ-सफाई कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिया गया है। सभी जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनश्चित की गयी है। साथ ही चिकित्सकों को भी समय से अस्पताल आने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिया गया है।
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मरीजों के लिए उपलब्ध है निशुल्क एम्बुलेंस सेवा:
सिविल सर्जन डॉ. टीएन सिंह ने बताया जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा संचालित निशुल्क एम्बुलेंस सेवा 24 घंटे कार्यरत है और मरीजों को तत्परता से उपलब्ध है। गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं, घायल व गंभीर बिमारियों से ग्रसित मरीजों के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध है।
एसएनसीयू में निरंतर मिल रही है ये सेवाएं:
नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी लाना सरकार की प्राथमिकता है। इसमें सदर अस्पताल अपना बहुमूल्य योगदान दे रहा है। अस्पताल परिसर में एसएनसीयू(स्पेशल न्यूबोर्न केयर यूनिट) किसी भी रोग से ग्रसित नवजात का उपचार करने में सक्षम है। यहाँ हमेशा शिशु रोग विशेषज्ञ और अमानत प्रशिक्षित नर्सों की ड्यूटी रहती है जो नवजात की देखभाल करने के साथ साथ किसी भी जटिलता से निपटने में सक्षम हैं।
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संस्थागत प्रसव पर मिलती है प्रोत्साहन राशि:
संस्थागत प्रसव द्वारा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। इसके लिए सरकार जननी सुरक्षा योजना को चला रही है। अस्पताल के चिकित्सक गर्भवती माताओं को अस्पताल में ही प्रसव कराने की सलाह देते हैं। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण इलाके की गर्भवती महिलाओं को 1400 रूपए एवं शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रूपए दिए जाते हैं। प्रति प्रसव ग्रामीण क्षेत्रों में 60 0रुपये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए प्रति प्रसव 400 रूपए आशाओं को दिए जाते हैं।
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परिवार नियोजन की सुविधाएँ हैं निशुल्क उपलब्ध:
सदर अस्पताल में परिवार नियोजन सेवाओं पर ख़ास ध्यान दिया जाता है। अस्पताल में आई महिलाओं और पुरुषों को परिवार को छोटा और सीमित रखने के फायदों से अवगत कराया जाता है और सभी गर्भ निरोध के साधनों के बारे में जानकारी के साथ उन्हें यह निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। परिवार नियोजन के सुरक्षित ऑपरेशन के लिए यहाँ पूरी व्यवस्था है।