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बरौली – मुख्यमंत्री से लेकर कैबिनेट मंत्री देने वाले क्षेत्र में समस्याओं का मकड़जाल

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सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल गफ्फूर से लेकर कैबिनेट मंत्री देने वाले बरौली विधानसभा क्षेत्र में लोग कई समस्याओं से जूझ रहे हैं। सिवान जिले की सीमा से जुड़े बरौली विस क्षेत्र के लोगों की जीविका का साधन खेतीबाड़ी है। पूरे क्षेत्र में नगदी फसल के रूप में गन्ना की व्यापक पैमाने पर खेती होती है। धान तथा गेहूं भी मुख्य फसल है। इसके उत्तरी हिस्से से सट कर गंडक नदी बहती है।
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गंडक नदी में प्रतिवर्ष आने वाली बाढ़ से हजारों हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो जाती है। बाढ़ से बचाव के नाम पर तटबंध तथा बांध की मरम्मत के नाम पर हर साल करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं। लेकिन, बाढ़ से बचाव का समाधान नहीं निकल सका है। इस बार सारण तटबंध टूटने से इस विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ से भारी तबाही मची है। एक तरफ बाढ़ तो दूसरी तरफ सिचाई के बदहाल संसाधन के कारण फसलों पर सूखे की मार पड़ती है। सिचाई के लिए नहरे हैं। लेकिन फसलों की सिचाई के समय नहरों में पानी का अकाल बना रहता है।
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1. गंडक की बाढ़ से छुटकारा नहीं:
बरौली विधानसभा क्षेत्र के उतरी हिस्से में गंडक नदी से लगने वाली दो दर्जन से अधिक पंचायतों की एक प्रमुख समस्या हर साल आने वाली बाढ़ है। नदी के बांध की मरम्मत हर साल की जाती है। इसके बाद भी हर साल बाढ़ तबाही मचाती है। इस बार तटबंध टूटने से निमुईया, गौसिया, भैसही,पुरैना, कोइनी, कर्णपुरा, देवापुर, रुपनछाप, बतरदेह, सलेमपुर, कटहरीबारी, बरौली नगर पंचायत सहित चार दर्जन पंचायतों में तबाही मची है।
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2. स्वास्थ्य सेवा का है बिल्कुल अभाव:
बरौली विधानसभा में स्वास्थ्य सेवा की कमी एक बड़ी समस्या है। लाखों की आबादी के लिए बरौली में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा मांझा में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। वहां पर करीब आधा दर्जन चिकित्सक तैनात हैं। स्थाई चिकित्सा प्रभारी की तैनाती नहीं होने से दोनों स्वास्थ्य केंद्र प्रभार में चल रहे हैं। इन अस्पतालों में एक भी विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध नहीं हैं।
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3. बरौली बाजार का नहीं हुआ विकास:
इस क्षेत्र में बरौली नगर पंचायत भी आता है। 21 वार्ड वाले नगर पंचायत में आज भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। नगर पंचायत के साथ ही प्रखंड मुख्यालय होने के साथ ही बरौली बाजार इस विधानसभा क्षेत्र का सबसे बड़ा बाजार है। दूर दराज के गांवों से लोग बरौली बाजार आते हैं। न तो बाजार में सरकारी स्तर पर पेयजल की व्यवस्था है और ना ही सार्वजनिक शौचालय है। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। बाजार में जल जमाव भी एक बड़ी समस्या है।
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4. बच्चों की उच्च शिक्षा भी बड़ी समस्या:
43 पंचायत तथा 21 वार्ड वाले बरौली विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा भी बड़ी समस्या बनी हुई है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए डिग्री कॉलेज नहीं है। जिसके कारण छात्र छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए पलायन करना पड़ता है। खासकर छात्राओं को इंटर के बाद आगे की पढ़ाई के लिए काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। गरीब परिवार को इस कारण बच्चों की पढ़ाई बंद करनी पड़ी है।
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5. आठ वर्ष में भी पूरा नहीं हुआ स्टेडियम:
बरौली विधानसभा के मांझा तथा धर्मपरसा के खेल मैदान में स्टेडियम निर्माण का कार्य आठ वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। लेकिन, आज तक स्टेडियम का निर्माण पूरा नहीं हो सका। दोनों जगहों पर स्टेडियम का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। दोनों जगह चहारदीवारी का निमार्ण कार्य कराने के बाद काम बंद है। जबकि, स्टेडियम निर्माण के लिए अग्रिम राशि का भुगतान भी हो चुका है। अधूरे पड़े स्टेडियम के कारण इस विधानसभा क्षेत्र में खेलकूद की गतिविधियों को बढ़ावा नहीं मिल पा रहा है।
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मतदाताओं की संख्या
पुरुष मतदाता – 147793
महिला मतदाता – 140128
थर्ड जेंडर – 09
कुल मतदाता – 287860
कुल मतदान केंद्रों की संख्या- 430
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इस विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी एक बड़ी समस्या है। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की भारी कमी से मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। मरीजों को इलाज कराने बाहर जाना पड़ता है। -डॉ.शिबू तिवारी
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बाढ़ और सिचाई की बदहाल व्यवस्था इस विधानसभा क्षेत्र में बड़ी समस्या है। हर साल बाढ़ आने से तबाही मचती है। सिचाई के समय नहरों में पानी नहीं रहता है। इन समस्याओं के स्थाई निदान पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। -देवेंद्र कुमार
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किसी विकास कार्य को शुरू कर उसे अधूरा छोड़ देना एक बड़ी समस्या है। इस विधानसभा क्षेत्र में दो स्टेडियम का निर्माण कार्य आठ साल से अधूरा पड़ा हुआ है। किसी को इसकी चिता नहीं है कि निर्माण कार्य पूरा हो। -विजय कुमार यादव
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छात्र-छात्राओं के लिए उच्च शिक्षा की इस विधानसभा क्षेत्र में कोई व्यवस्था नहीं है। पूरे विधानसभा क्षेत्र में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं है। इससे अधिकांश छात्राओं की पढ़ाई इंटर के बाद ठप हो जाती है। -अनिता देवी