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गोपालगंज में कोरोना जांच कराने पहुंचा आरोपित हथकड़ी निकाल कर हुआ फरार

एक आपराधिक मामले में गिरफ्तारी के बाद सदर अस्पताल में कोरोना जांच कराने पहुंचा एक आरोपित बुधवार को पुलिस को चकमा देकर हाथ की हथकड़ी निकाल कर फरार हो गया। हालांकि काफी खोजबीन के बाद फरार हुए आरोपित को पुलिस ने पकड़ लिया। जिसके बाद उसका कोरोना जांच कराने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस बीच करीब घंटे तक फरार आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस परेशान रही।

बताया जाता है कि शहर के जादोपुर रोड निवासी नीरज सिंह को पुलिस ने फर्जीवाड़ा के एक मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपित नीरज सिंह से पूछताछ करने के बाद बुधवार को नगर थाने की पुलिस ने आरोपित की कोरोना जांच कराने के लिए उसे लेकर सदर अस्पताल पहुंची। सदर अस्पताल में कोरोना जांच में थोड़ी देरी थी। इस दौरान आरोपित नीरज सिंह शौच करने के बहाने शौचालय में गया। जहां उसने अपने हाथ की हथकड़ी खोल कर दूसरे रास्ते से भाग गया। जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश शुरू कर दी। इसी बीच आरोपी नीरज सिंह सदर अस्पताल की गेट के खड़ा होकर किसी का इंतजार कर रहा था। जिसे देखकर पुलिस ने उसे फिर से पकड़ लिया। जिसके बाद आरोपी का कोरोना जांच कराने के बाद पुलिस उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण जरूरी : डीआइओ – कोविड के नियमों का पालन करते हुए बच्चों को लगवाएं टीका जागरण संवाददाता, गोपालगंज : सर्दी के मौसम में बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए संपूर्ण टीकाकरण जरुरी है। इस मौसम में बच्चों पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. शक्ति कुमार सिंह ने इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि इस मौसम में बच्चों में निमोनिया के मामले अधिक सामने आते हैं। इस बीमारी से पांच साल तक आयु के बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं। लेहाजा सर्दियों के आगमन के साथ ही, बच्चों व वृद्धों की उचित देखभाल के साथ-साथ पोषण युक्त खाना देना बहुत जरूरी है।

 

उन्होंने बताया कि निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। बैक्टीरिया, वायरस या फंगल की वजह से फेफड़ों में संक्रमण हो जाता है। आम तौर पर बुखार या जुकाम होने के बाद निमोनिया होता है और यह 10 दिन में ठीक हो जाता है। लेकिन पांच साल से छोटे बच्चों व 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और इसलिए निमोनिया का असर जल्द होता है। बैक्टीरिया से बच्चों को होने वाले जानलेवा निमोनिया को टीकाकरण कर रोका जा सकता है। बच्चों को न्यूमोकॉकल कॉन्जुंगेट वैक्सीन यानि पीसीवी का टीका दो माह, चार माह, छह माह, 12 माह और 15 माह पर लगाने होते हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर जिला अस्पताल में आवश्यक टीकाकरण की सुविधा मौजूद है।


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