गोपालपुर थाना क्षेत्र का राजापुर बाजार 15 साल बाद फिर एक बार सामूहिक हत्या का गवाह बना। यहां साल 2005 के अप्रैल महीने में सामूहिक नरसंहार में तीन लोग एक साथ मारे गए थे। यह हत्या चुनावी रंजिश में हुई थी। उसमें दो लोग एक ही परिवार के थे। उनमें राजापुर बाजार निवासी सूरज राय, चंद्रमा राय और बालेसर राय थे। इस कांड के बाद लंबे समय तक राजापुर और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल बना रहा। हालांकि समय बीतने के बाद धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो गई। इसी बीच शनिवार की सुबह राजापुर बाजार फिर गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा।
अपराधियों द्वारा ऑटोमेटिक हथियार से की गई 20 राउंड फायरिग से बाजार में अफरा तफरी मच गई। लोग इधर-उधर भागने लगे। इस फायरिग में सीने में तीन गोली लगने से सपहा गांव निवासी ठेकेदार देवेंद्र पांडेय की मौके पर ही मौत हो गई। सीने में तीन गोली लगने से ही बीडीसी सदस्य पप्पू पांडेय भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस फायरिग में पैर में दो गोली लगने से बड़हरा गांव निवासी रंगीला चौहान घायल हैं। गंभीर रूप से घायल बीडीसी सदस्य को स्वजन गोरखपुर ले गए। लेकिन, उन्हें बचाया नहीं जा सका।
राजापुर बाजार में हुए इस वारदात से लोगों के जेहन में एक बार फिर साल 2005 की उस काली रात की घटना की याद को ताजा करा दिया। गोलीबारी से भयभीत स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में साल 2005 के गोली कांड के बाद यह सबसे बड़ी घटना है। अपराधियों की फायरिग के बाद दुकानें बंद हो गईं। वर्ष 2005 के 15 साल बाद एक बार फिर राजापुर बाजार समेत आसपास के इलाके में दहशत का माहौल व्याप्त हो गया है।
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