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Gopalganj: कुख्यात लाल बच्चन सहनी गिरफ्तार, कभी नाम से डरते थे लोग, पुलिस से बचने के लिए पुजारी बन छुपा

यूपी व बिहार की सीमा पर स्थित भोरे थाना क्षेत्र से पुलिस ने कुख्यात लाल बच्चन सहनी को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी के पास से एक पिस्टल, दो जिंदा कारतूस और पांच खोखा बरामद किया है। चार साल पहले लाल बच्चन सिंह आतंक का नाम बन गया था।

जिले के टॉप टेन अपराधियों की सूची में लाल बच्चन सहनी का नाम शामिल है। चार साल पहले क्षेत्र में लोग उसके नाम से भय खाते थे। वह कुख्यात विशाल सिंह के कहने पर किसी की भी हत्या कर देता था। कुख्यात विशाल सिंह के गिरफ्तार होने के बाद उसका पूरा गैंग टूट गया।

गैंग में शामिल कई कुख्यात अपराधी जेल में चले गए, जबकि कई प्रदेश छोड़कर फरार हो गए। इस दौरान कुख्यात लाल बच्चन सहनी ने भी खुद को सेफ कर लिया था लेकिन हाल के दिनों में उसकी धमक भोरे और आसपास के इलाके में सुनाई देने के बाद पुलिस अलर्ट हो गई।

पुलिस ने लाल बच्चन सहनी को भोरे थाने से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए कुख्यात से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने उसे बुधवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, हथुआ अनुमंडल में साल 2019 से लेकर 2020 तक स्थिति ऐसी बन गई थी कि कुख्यात विशाल सिंह के नाम से बड़े-बड़े व्यवसायी और ठेकेदार में भय का माहौल बन गया था। विवेक सिंह की प्लानिंग के तहत बदमाश विशाल सिंह और लाल बच्चन ने गोपालगंज के बदमाश ज्ञानदेव पुरी की हत्या कर दी थी।

इसके साथ ही कुख्यात विवेक सिंह के कहने पर भोरे के बड़े व्यवसायी रामाश्रय सिंह की हत्या भी कुख्यात विशाल सिंह और लाल बच्चन सहनी ने ही कर दी थी। दोनों बदमाशों ने कई मुखिया और अन्य जनप्रतिनिधों से रंगदारी मांग कर अपने नाम का डर पैदा कर दिया था।

उस समय के तत्कालीन एसपी मनोज कुमार तिवारी के निर्देश पर पुलिस की टीम ने कुख्यात विशाल सिंह को पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार कुख्यात विशाल सिंह पर हत्या, लूट और रंगदारी के दर्जन भर से अधिक मामले दर्ज हैं। कुख्यात विशाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद एक-एक कर उसके गिरोह के कई अपराधी सलाखों के पीछे चले गए, लेकिन कुख्यात लाल बच्चन सहनी पुलिस को चकमा देकर फरार रहा।

गिरफ्तारी के डर से भाग गया था महाराष्ट्र, फिर भोरे लौटा

कुख्यात विशाल सिंह की गिरफ्तारी के बाद लाल बच्चन टूट गया। वह वेश बदल कर सारण के मांझी में मंदिर का पुजारी बनकर दिन काटने लगा। मंदिर का पुजारी का कार्य करने के बाद वह महाराष्ट्र भाग गया। करीब दो साल इधर-उधर भटकने के बाद वह फिर से अपने गृह जिला यूपी के देवरिया व सीमावर्ती इलाके के भोरे में रहने लगा।

कभी शराब तस्करी करता था लाल बच्चन

लाल बच्चन मीरगंज थाना क्षेत्र के मटिहानी नैन गांव निवासी कुख्यात विशाल सिंह के साथ मिलकर शराब तस्करी करता था। इस दौरान विशाल सिंह से उसकी दोस्ती बढ़ गई। इसके बाद दोनों ने मिलकर एक गिरोह बनाया। इसके बाद सतीश पाण्डेय को चैलेंज करते हुए उनके करीबियों की हत्या शुरू कर दी।

कुख्यात विशाल सिंह व लाल बच्चन सहनी ने मीरगंज के गिट्टी रैक प्वाइंट पर अपना दबदबा बढ़ाने व सतीश पाण्डेय का दबदबा कम करने के लिए सियाड़ी गांव निवासी कुख्यात रहे ज्ञानदेव पुरी की हत्या कर दी। इसके बाद मीरगंज और उसके आसपास के इलाके में कुख्यात विशाल सिंह के नाम पर व्यवसायी में खौफ हो गया था।