जिले के मांझा, बरौली, बैकुंठपुर में बांध टूट जाने के बाद करीब छह दर्जन से अधिक गांव में गंडक नदी का पानी प्रवेश कर गया है। गंडक नदी का पानी प्रवेश कर जाने की सूचना मिलने के बाद एनडीआरफ की टीम तीनों प्रखंड में पहुंच कर लोगों बाहर निकलने में जुट गई। इस दौरान शुक्रवार की सुबह से शाम तक एनडीआरफ की टीम ने छह सौ लोगों को बाहर निकालने का कार्य किया। बाहर निकले लोगों को एनडीआरफ की टीम उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में जुट गई है। एनडीआरफ के इंस्पेक्टर दीपक कुमार सिंह ने बताया कि मांझा प्रखंड के पुरैना, पथरा, निमुईया, गौसिया व बरौली प्रखंड के देवापुर, पूर्वी टोला, बरौली नगर, सहित करीब छह दर्जन से अधिक गांव में फंसे हुए लोगों को बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि गांव में पानी भर जाने के बाद सभी लोग अपने घर के छतों पर शरण लिए हुए थे। ऐसे में इन सभी लोगों को बाहर निकाला कर एनडीआरफ की टीम के द्वारा सुरक्षित स्थान पर लेकर जाने का कार्य किया गया।
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पानी देख बेहोश हो गई महिला, खाट पर लिटा निकाला गया बाहर:
मांझा प्रखंड के पथरा वार्ड संख्या तीन में गंडक नदी का पानी देख एक महिला बेहोश हो गई। इसकी जानकारी मिलने के बाद एनडीआरफ की टीम पथरा वार्ड संख्या तीन में पहुंच कर बेहोश महिला को बाहर निकाल कर उसे इलाज के लिए मांझा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया।
बताया जाता है कि बांध टूटने के बाद गांव में तेजी से पानी भरते देख पथरा वार्ड संख्या तीन निवासी बबिता देवी (55) वर्षीय अचानक बेहोश हो गई। महिला के बेहोश होने के बाद परिवार के सदस्यों ने इसकी सूचना मांझा पुलिस को दी। जिसके बाद मांझा पुलिस ने एनडीआरफ की टीम से संपर्क किया। एनडीआरफ की टीम पथरा गांव पहुंच कर बेहोशी की हालत में खाट पर लेटी को अपने नाव की मदद से लेकर बाहर निकला। जिसके बाद महिला को इलाज के लिए मांझा पीएचसी में भर्ती कराया।