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बाढ़ का कहर – घरों में घुसा पानी तो सड़क पर आ गए कई परिवार

गुरुवार तक मांझा व बरौली प्रखंड के कई गांवों के लोग सामान्य जीवन जी रहे थे। आधी रात तक उन्हें इस बात का अंदेशा भी नहीं था कि कल क्या होगा। लेकिन प्रकृति की मार ऐसी पड़ी कि दोनों प्रखंड के सैकड़ों परिवार के लोग घर में गंडक नदी का पानी प्रवेश करने के बाद सड़क पर आ गए। इन परिवारों के लोग घर के मासूम बच्चों पर अन्य सदस्यों के अलावा माल मवेशियों के साथ सड़क किनारे पहुंच गए हैं। इनके लिए अब हाईवे तथा ग्रामीण मुख्य पथ ही सहारा दिख रहा है। गंडक नदी की तबाही के बाद सैकड़ों परिवारों के लोग आश्रय की तलाश में जहां-तहां भटकते देखे गए।
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गुरुवार को आधी रात के बाद सारण मुख्य तटबंध टूटने के बाद गंडक नदी का पानी तेजी से मांझा व बरौली प्रखंड के गांवों में बढ़ने लगा। शुक्रवार की सुबह जब लोग सोकर जगे तो उनके गांव का चारों ओर से नदी का पानी घेरा डाल चुका था। नदी का पानी कई घरों में प्रवेश करने की स्थिति आ गई थी। इसके पूर्व कि लोग कुछ समझ पाते तेजी से बढ़ता नदी का पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर गया। लोग आनन-फानन में परिवार के सदस्यों व मवेशियों के साथ आश्रय स्थल की खोज में निकल पड़े। इनके लिए सहारा बना सड़क का किनारा व हाईवे। सैकड़ों परिवारों के लोग दर-दर भटकने के बाद सड़क किनारे तिरपाल व प्लास्टिक को टांगना प्रारंभ कर दिया। दोपहर तक कई परिवारों को तिरपाल के किनारे सहारा मिला, लेकिन कई परिवारों के लोग आश्रय की तलाश में भटकते दिखे। बहरहाल कई परिवारों के लोग सड़क किनारे मवेशियों को बांधकर जैसे-तैसे परिवार के लोगों को पहुंचाया। इनके समक्ष वर्तमान समय में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षित स्थान को ढूंढ़ना है।