मांझा प्रखंड के पुरैना में सारण तटबंध टूटने से गड़क नदी की मार सबसे अधिक इसी प्रखंड पर पड़ी है। मांझा प्रखंड के एक दर्जन से अधिक गांव पानी में डूब गए हैं। इन गांवों में पानी लगातार भरने से स्थिति और खराब होती जा रही है। इस बीच शुक्रवार की रात से इस प्रखंड के नए इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीण बाढ़ के पानी के बीच से होकर बाहर निकल रहे हैं। काफी संख्या में लोग गांव में ही फंसे हुए हैं। कोई घर की छत पर तो कई टूट तटबंध शरण लिए हुए हैं। बाढ़ में फंसे लोग बचाव दल पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। इस बीच एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए अपना अभियान और तेज कर दिया है।
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गुरुवार की रात मांझा प्रखंड के पुरैना गांव में समीप गंडक नदी के दबाव से सारण मुख्य तटबंध टूट गया। तटबंध टूटते ही तटबंध के किनाने बसे पुरैना गांव देखते ही देखते गंडक नदी के पानी में जलमग्न हो गया। तटबंध टूटने के चार घंटे के अंदर ही इस प्रखंड के दस गांव पानी में डूब गए। शनिवार को बाढ़ प्रभावित भैसही, पुरैना के बाद कोइनी पंचायत के भटवलिया,इमिलिया,मांझा पूर्वी पंचायत के वृतिटोला, लंगटूहाता, कणपुरा पंचायत के फुलवरिया गांवों में बाढ़ का पानी और भरने से स्थिति और बिगड़ गई है। इस बीच शुक्रवार की रात प्रखंड के नए इलाकों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया। प्रखंड के ऊंचे स्थान में गिरे जाने वाले कर्णपुरा पंचायत के कई गांव पानी से घिर गए हैं। बाढ़ में फंसे लोग बाढ़ के पानी के बीच से होकर अपने कई लोग टूटे तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। इस बीच शनिवार को दिन भर एनडीआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित गांवों में जाकर लोगों को बाहर निकलती रही। एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे लोगों को रेसक्यू करने का अभियान और तेज कर दिया है।