Bihar Local News Provider

स्वास्थ्य समाचार – सर्पदंश का शिकार होने पर झाड़-फूंक नहीं बल्कि अस्पताल पहुंचें

सर्पदंश का शिकार होने पर झाड़-फूंक नहीं बल्कि अस्पताल पहुंचें
• आपकी सतर्कता और जागरूकता से बच जायेगी जान
• बाढ़ के कारण लगातार बढ़ रही है सर्प दंश की घटनाएं
• झाड़-फूंक चक्कर में जा सकती है जान
गोपालगंज। वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच बाढ़ ने भी आम जीवन को बहुत प्रभावित किया है. बाढ़ से जगह-जगह जलजमाव हो गये हैं। ऐसे में इन दिनों सर्पदंश की घटनाएं बढ़ गई हैं। शहर से अधिक ग्रामीण इलाकों में सांप के दंश के अधिक केस सामने आ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी तैयारी कर ली है, ताकि सर्पदंश के बाद ऐसे लोगों को अस्पताल लाने पर बेहतर इलाज मिल सके। इसको लेकर एंटी वेनम इंजेक्शन का पर्याप्त मात्रा में भंडारण किया गया है, ताकि किसी को भी बिना इंजेक्शन नहीं लौटना पड़े। अगर किसी व्यक्ति को सांप काटता है तो झाड़ फूंक के चक्कर में नहीं पड़े। सीधे उन्हें नजदीक के अस्पताल में लेकर जायें। आपकी सावधानी व सतर्कता से सर्प दंश के शिकार व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।
[the_ad id=”13129″]
झाड़ फूंक नहीं, जाएं अस्पताल:
ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतर देखा जाता है कि सांप के काटने पर लोग अस्पताल नहीं पहले झाडफ़ूंक कराने जाते हैं। यही कारण है कि व्यक्ति के शरीर में सांप का विष फैल जाता है और उसे बचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यदि किसी को सांप काटता है तो उसे तत्काल अस्पताल लेकर जाएं ताकि उसकी जान बचाई जा सके।
सर्पदंश का एक मात्र उपचार चिकित्सीय उपचार ही है:
डीपीएम धीरज कुमार ने बताया सर्पदंश का एक मात्र उपचार चिकित्सीय उपचार ही है। मरीज को अगर तत्काल यह सुविधा मिल गई तो उसकी जान बच जाने की संभावना बढ़ जाती है। अधिकतर मामलों में यह देखा जाता है कि झाड़-फूंक में जब हालात काफी बिगड़ जाते हैं तब लोग पीड़ित को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। अब तो इसके लिए विशेष इंजेक्शन निकल चुके हैं। अब सर्प को पहचाने की भी कोई जरूरत नहीं है, सिर्फ पीड़ित व्यक्ति समय से अस्पताल पहुंच जाए तो, उसे बचाया जा सकता है। एंटी स्नेक वेनम भी हर जगह उपलब्ध कराया गया है।
[the_ad id=”13131″]
इन लक्षणों को जानें
सर्पदंश के बाद व्यक्ति के शरीर में कई लक्षण दिखने लगते हैं जैसे त्वचा पर दांतों के निशान, हल्का दर्द, निशान के चारो तरफ लालिमा, बेहोशी, सांस लेेने में तकलीफ, खून के धब्बे उभरना व पसीना आदि।
ऐसे करें बचाव:
• गांवों में सर्पदंश का खतरा अधिक होता है इसलिए गांव में रहने वालों को विशेष ध्यान देना होगा।
• खेतों में मेड़ पर चलने में ध्यान रखें, क्योंकि बारिश में सांप ऊपर आ जाते हैं।
• सूखी घास पत्तियों के ढेर में अचानक हाथ पैर न डालें
• अंधेरे में टार्च लेकर निकलें, नीचे देखकर चलें।
• चूहों को घर से दूर रखें, उसे खाने के लिए सांप आ सकते हैं।
• जमीन पर लेटने से बचें, चारपाई बेड पर ही लेटें।
• घर में कबाड़ का ढेर न लगाएं।
• घर की सफाई करते वक्त सतर्क रहें।
[the_ad id=”13285″]