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स्वास्थ्य समाचार/ कृमिमुक्ति, डायरिया नियंत्रण एवं विटामिन-ए की खुराक अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए दिया जाएगा वर्चुअल प्रशिक्षण

कृमिमुक्ति, डायरिया नियंत्रण एवं विटामिन-ए की खुराक अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए दिया जाएगा वर्चुअल प्रशिक्षण
• जिला व प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों को किया जाएगा प्रशिक्षित
• 2 सितंबर को सारण मंडल में होगा प्रशिक्षण का आयोजन
गोपालगंज। जिले में 16 से 29 सितंबर तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम, सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा एवं विटामिन ए की खुराक अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए राज्य स्तरीय वर्चुअल प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र लिखकर सभी क्षेत्रीय अपर निदेशक, सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी आईसीडीएस, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक जीविका को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया है। जारी पत्र में बताया गया है कि राज्य में प्रति वर्ष राष्ट्रीय कृमिमुक्ति कार्यक्रम, सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा एवं विटामिन ए की खुराक वितरण कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जाना है। उक्त कार्यक्रम को सफल संचालन के लिए जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों एवं कर्मियों का प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है। कोविड-19 वैश्विक महामारी प्रस्तुति को ध्यान में रखते हुए वर्चुअल के माध्यम से जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों व कर्मियों का प्रशिक्षण राज्य स्तर से दिया जाएगा। सारण प्रमंडल के तीनों जिलों के पदाधिकारियों व कर्मियों का प्रशिक्षण 2 सितंबर को ऑनलाइन जूम एप के माध्यम से दिया जाएगा।
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प्रशिक्षण में ये होंगे शामिल:
वर्चुअल प्रशिक्षण में जिला स्तर से क्षेत्रीय अपर निदेशक, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक, क्षेत्रीय अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला समुदायिक उत्प्रेरक, जिला अनुश्रवण सह मूल्यांकन पदाधिकारी, शिक्षा विभाग के जिला शिक्षा पदाधिकारी, आईसीडीएस के डीपीओ, जीविका के डीपीएम समेत अन्य सहयोगी संस्था के पदाधिकारी भाग लेंगे। वही प्रखंड स्तर से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, प्रखंड समुदायिक उत्प्रेरक, प्रखंड अनुश्रवण सह मूल्यांकन सहायक, आईसीडीएस के सीडीपीओ, महिला सुपरवाइजर, जीविका के बीपीएम समेत अन्य सहयोगी संस्था के पदाधिकारी प्रशिक्षण में भाग लेंगे।
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आशा कार्यकर्ता, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रखंड स्तर पर दिया जाएगा प्रशिक्षण:
जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि राज्य स्तर से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी आशा कार्यकर्ता एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं को प्रखंड स्तर पर कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन करते हुए प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करेंगे। प्रशिक्षण के दौरान उचित शारीरिक दूरी का विशेष रूप से ख्याल रखना होगा । इसके साथ ही कोविड-19 से बचाव के लिए जारी गाइडलाइन का पालन करना आवश्यक होगा।
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वर्ष 2030 तक अंडर-5 मृत्यु दर को 25 एवं नवजात मृत्यु दर को 12 करने का लक्ष्य:
एसडीजी( सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल) लक्ष्य के मुताबिक बिहार को वर्ष 2030 तक अंडर-5 (पांच साल से कम आयु के बच्चों) मृत्यु दर को 25 एवं नवजात मृत्यु दर को 12 (प्रति 1000 जीवित जन्म) करने का लक्ष्य प्राप्त है. इस लिहाज से लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य को प्रतिवर्ष 5.9% की कमी लानी होगी, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बच्चों एवं नवजातों में होने वाली मौतों को रोकने के लिए टीकाकरण, नवजातों में संक्रमण की रोकथाम , स्तनपान को बढ़ावा, बेहतर साफ़-सफाई, विटामिन ए अनुपूरण एवं दस्त नियंत्रण काफी प्रभावी है.
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बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जाएगी:
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 16 सितम्बर से 29 सितम्बर तक राज्य के 25 जिलों में 1 साल से 19 साल तक के बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा दी जाएगी. साथ ही गृह भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के उम्र के बच्चों को विटामिन ए सिरप की खुराक पिलाना भी सुनिश्चित करेगी. इसके लिए आशा पहले विटामिन ए सिरप के साथ उपलब्ध चम्मच में खुराक डालने के बाद उक्त लाभार्थी के चम्मच में खुराक डालकर संबंधित परिवार के द्वारा ही चम्मच से बच्चों को अनुपूरण सुनिश्चित कराएगी.
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