शराब के नशे में बदहवासी में अपनी मां सहित पांच लोगों पर चाकू से हमला करने के बाद खुद अपनी गर्दन काट आत्महत्या कर लेने वाला मुसहरी बाजार निवासी दीपक वर्मा दिल्ली में अपने परिवार के साथ काम करता था।
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लॉकडाउन लगने के बाद वह अपनी पत्नी से झगड़ा कर घर लौट आया था। पत्नी हीरामोती दिल्ली में ही अपने दो बच्चों के साथ रह रही हैं। वे दिल्ली में मजदूरी कर अपने पुत्र सात वर्षीय शिवम तथा पुत्री पांच वर्षीय सीया कुमारी का पालन पोषण कर रही हैं। दीपक वर्मा के पिता योगेंद्र वर्मा मुसहरी बाजार में फल की दुकान चलाते हैं। यह परिवार काफी गरीब है। फल की दुकान के अलावे आय का अन्य कोई स्त्रोत नहीं है। उनकी पत्नी मालती देवी भी फल की दुकान चलाने में मदद करती हैं। योगेंद्र वर्मा के चार पुत्र में दीपक कुमार सबसे बड़ा पुत्र था। एक पुत्र वीरेंद्र वर्मा देवरिया के बनकटा रेलवे स्टेशन पर जलेबी बेचकर परिवार चलाते हैं। तीसरा पुत्र देवेंद्र वर्मा कर्नाटक के किसी शहर में रहकर मजदूरी करता है। योगेंद्र वर्मा के पास एक धुर भी जमीन नहीं है। बताया जाता है कि दीपक वर्मा दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहकर काम करता था।
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अधिक शराब पीने के कारण पत्नी से आए दिन झगड़ा होता रहता था। लॉकडाउन के पहले ही दीपक पत्नी से झगड़ा कर दिल्ली से घर आ गया था। इसके बाद से हीरा मोती देवी दिल्ली में रह कर मजदूरी कर अपने पुत्र शिवम तथा पुत्री सीया कुमारी का पालन पोषण कर रही हैं। इस घटना की सूचना मिलने पर हीरामोती देवी अपने बच्चों के साथ मुसहरी के लिए रवाना हो गई हैं।
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