कोरोना काल में जिले के ब्लड बैंक में रक्त की कमी हो गई है। स्थिति यह है कि मरीज के परिजन के डोनेट करने पर ही ब्लड उपलब्ध हो पा रहा है। सदर अस्पताल में स्थित एक हजार यूनिट रक्त की क्षमता वाले ब्लड बैंक में मात्र 34 यूनिट ही ब्लड उपलब्ध है। लॉक डाउन के चलते ब्लड बैंक में डोनर भी नहीं पहुंच रहे है। रेड क्रॉस सहित अन्य ब्लड डोनर संस्थाओं की गतिविधियां भी बंद हैं। जिसके चलते ब्लड की कमी दूर नहीं हो पा रही है। इस स्थिति में गंभीर रोगों से पीड़ित लोगों के इलाज में दिक्कत आ रही है।
ब्लड बैंक में अभी ए व बी निगेटिव साथ ही ओ निगेटिव उपलब्ध है। जबकि एबी में पॉजिटिव – निगेटिव कोई रक्त नहीं उपलब्ध रहने के कारण जरूरतमंद लोग सीवान आदि जगहों से सम्पर्क कर मंगाने की कोशिश कर रहे हैं जिन्हें नितांत आवश्यकता होती है वे किसी परिजन से तत्काल डोनेट कराकर ब्लड अपनी आवश्यकतानुसार व्यवस्था कर रहे हैं। डोनर नहीं मिलने पर परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। ब्लड बैंक में सामान्य दिनों में 100 से 150 यूनिट तक ब्लड़ रहता है। लेकिन कोरोना संक्रमण वैक्सीनेशन आदि के चलते भी डोनर का काफी अभाव दिख रहा है।
गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीजों को नहीं मिल रहा खून :
थैलसिमिया, स्क्लि सेल एनिमिया व हिमोफीलिया से पीड़ित रोगियों को नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता पड़ती है। जबकि हादसे में जख्मी लोगों को भी ब्लड की जरूरत पड़ती है। इस स्थिति में जब उन्हें ब्लड की जरूरत होती है तो वे अपने आवश्यकतानुसार ब्लड ग्रुप का डोनर लेकर ब्लड बैंक पहुंचते है। वहां अपने आवश्यकतानुसार डोनेट कर ले जाते है। अगर उन्हें एक यूनिट से ज्यादा ब्लड की जरूरत है तो उन्हें उतने डोनर की व्यवस्था करनी पड़ती है। कोविड प्रोटोकॉल व लॉक डाउन के चलते ब्लड डोनेट करने वाले लोग ब्लड बैंक नहीं पहुंच रहे हैं। जिन्हें आवश्यकता होती वे डोनेट कर अपनी आवश्यकतानुसार ब्लड व्यवस्था करते हैं, या तो ब्लड बैंक में उपलब्ध 34 यूनिट में से कोई आवश्यकता रहती है तो दी जाती है।
कई ग्रुप के नहीं है ब्लड:
सदर अस्पताल में 5 से लेकर 6 यूनिट तक प्रतिदिन की जरुरत सामान्य हालत में पड़ती है। जबकि जिले में मौजूद अन्य पीएचसी व सीएचसी से आये दिन मरीज रेफर होकर आते हैं। इधर लॉकडाउन पीरियड में प्रतिदिन 4 यूनिट से लेकर कभी-कभी 5 यूनिट तक भी जरूरत पड़ जाती है। फिलहाल सिर्फ बी पॉजिटिव ब्लड 18 यूनिट तथा ओ पॉजिटिव 14 यूनिट उपलब्ध है।
किया जा रहा जागरूक:
ब्लड की कमी को पूरा करने के लिए ब्लड बैंक द्वारा समाचारपत्र व अन्य संचार माध्यमों से लोगो में जागरूकता लाई जा रही है। शहर में चल रहे रेड क्रास सोसायटी, मिटू ब्लड डोनर, डीबीटी व अन्य ब्लड डोनर संस्थाओं से संपर्क किया जा रहा है कि उसकी कमी को दूर किया जा सके।
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