सोमवार की रात अलग-अलग गांवों में सांप ने एक युवती तथा एक महिला को डंस लिया। सांप के जहर से युवती तथा महिला की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह सर्पदंश से पीड़ित युवती की मौत हो गई। वहीं सदर अस्पताल में भर्ती महिला की हालत गंभीर बनी हुई।
जिले में बारिश के इस मौसम में सर्पदंश के मामले बढ़ने लगे हैं। जून माह के अंतिम सप्ताह में लगातार तीन दिन हुई बारिश के बाद से अब तक सर्पदंश के आठ मामले सामने आ चुके हैं। चार दिन पूर्व ही बरौली में सांप के डंसने से एक महिला की मौत हो गई थी। इसी बीच सोमवार की रात अलग अलग गांवों में सांप ने एक युवती तथा एक महिला को डंस लिया। बताया जाता है कि सदर प्रखंड के भितभेरवा गांव निवासी वीरेंद्र महतो की पुत्री ममता कुमारी सोमवार की रात शौच के लिए खेत की तरफ गई थी। इसी दौरान एक सांप ने इसे डंस लिया। सांप के डंसने के बाद युवती की हालत बिगड़ने पर परिजनों ने इसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान मंगलवार की सुबह सर्पदंश से पीड़ित ममता कुमारी की मौत हो गई। दूसरे घटना बैकुंठपुर प्रखंड का है। इस प्रखंड के बैकुंठपुर गांव निवासी शिवकुमार पाण्डेय की पत्नी संगीता देवी अपने मंगलवार की सोने जा रही थीं। तभी एक सांप ने इन्हें डंस लिया। सांप के जहर से महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए। लेकिन उनकी हालत गंभीर देख चिकित्सक ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया।
खुले में शौच मुक्त घोषित हो चुका है भितभेरवां:
सर्पदंश से युवती की मौत होने के बाद खुले में शौच मुक्त घोषित पंचायतों तथा वार्डों को लेकर लोग सवाल उठाने लगे हैं। सदर प्रखंड का भितभेरवा पंचायत भी उन पंचायतों में शामिल है जो खुले में शौच मुक्त पंचायत घोषित हो चुकी हैं। भितभेरवां गांव की निवासी ममता कुमारी सोमवार की रात शौच करने खेत की तरफ गई थी। इसी दौरान सांप ने उसे डंस लिया। जिससे उसकी मौत इलाज के दौरान सदर अस्पताल में हो गई। ऐसे में अब लोग इस गांव को ओडीएफ घोषित करने को लेकर सवाल उठाने लगे हैं। लोगों का कहना था कि शत प्रतिशत घरों में शौचालय बनने के बाद ही किसी गांव, वार्ड या पंचायत को ओडीएफ घोषित किया जाता है। लेकिन बिना मानक पूरा किए ही गांव व वार्डों को ओडीएफ घोषित कर दिया जा रहा है। अगर ओडीएफ घोषित भितभेरवा में शत प्रतिशत घरों में शौचालय बना होता तो युवती को शौच के लिए खेत की तरफ नहीं जाना पड़ता और ना ही वह संर्पदंश की शिकार बनी होती।