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थावे: जेल में यूनिसेफ बनायेगा बायो डाइजेस्टर टॉयलेट

गोपालगंज के चनावे स्थित जेल बिहार का पहला जेल होगा, जहां बायो डाइजेस्टर टॉयलेट बनाया जायेगा. यूनिसेफ की तरफ से प्रयोग के तौर पर जेल के महिला खंड तथा अस्पताल में 10 टॉयलेट बनाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए यूनिसेफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर सर्वे करते हुए स्थल का चयन भी कर लिया है. यह प्रयोग सफल रहा तो जिले के सभी सरकारी कार्यालयों में और सार्वजनिक उपयोग के लिए बायो डाइजेस्टर टॉयलेट बनाया जायेगा.

अनुमंडल कार्यालय में बायो डाइजेस्टर टॉयलेट बनाया गया है. डीडीसी सज्जन आर ने बताया कि प्रत्येक ब्लॉक में तत्काल दो टॉयलेट बनाये जायेंगे, जबकि मांझा में पांच टॉयलेट बनाने का निर्णय लिया गया है. बाद में सीडीपीओ, बीडीओ, प्रखंड प्रमुख के कार्यालय में भी इस टॉयलेट को बनाया जायेगा. लोगों को इस टॉयलेट के प्रति प्रेरित किया जायेगा.
महिला खंड तथा अस्पताल में प्रयोग के तौर पर बनाये जायेंगे 10 टॉयलेट
प्रखंड में भी सार्वजनिक उपयोग के लिए बनेंगे ये टॉयलेट, तैयारी में जुटा विभाग
सरकारी कार्यालयों में भी बनेगा बायो डाइजेस्टर टॉयलेट, गंदगी से मिलेगी राहत
ग्वालियर  से यूनिसेफ मंगायेगा टॉयलेट:
डीएम अनिमेष कुमार पराशर की  पहल पर यूनिसेफ ने स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए बायो डाइजेस्टर टॉयलेट  लगाने की सहमति दी. इसे ग्वालियर से मंगाया जा रहा है. इसकी लागत लगभग 60 हजार रुपये की है. फायदा यह है कि टॉयलेट से बदबू नहीं निकलेगी और गंदगी भी नहीं फैलेगा. स्वच्छ और स्वस्थ समाज बनाने में यह काफी महत्वपूर्ण साबित होगा.
किसानों के लिए लाभकारी होगा टॉयलेट:
बायो डाइजेस्टर टॉयलेट से किसानों को फायदा होगा. आम तौर पर टॉयलेट का टैंक भरने के बाद उसे निकालकर फेंकना आसान नहीं होता है. बायो डाइजेस्टर टॉयलेट पूरी तरह से पानी बना देगा, जो खेती में कंपोस्ट का काम करेगा. खाद की जरूरत नहीं होगी. इसके पानी और अवशेष से  फसल की उपज तीन गुना बढ़ेगी.