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माँझा- गहराया रहस्य, मुकेश के पिता घर छोड़कर लापता

टेरर फंडिंग नेटवर्क मामले में यूपी एटीएस के हत्थे चढ़े मांझा थाना के आलापुर निवासी मुकेश प्रसाद के पिता शिक्षक जलेश्वर प्रसाद भी घर छोड़ कर लापता हो गए हैं। तबीयत खराब होने की बात बता वे इलाज कराने जाने की जानकारी परिजनों को देकर घर से निकले थे। लेकिन घर से निकलने के तीन दिन बाद भी वे वापस नहीं लौटे। इस दौरान न तो मुकेश के पिता ने परिवार के सदस्यों के पास फोन किया और ना ही उनका फोन लग रहा है। कॉल करने पर उनका मोबाइल स्वीच ऑफ बता रहा है। जिससे रहस्य गहराता जा रहा है। मुकेश की गिरफ्तारी तथा उसके बाद उसके पिता के घर छोड़कर लापता हो जाने से अब घर में महिला सदस्य ही रह गई हैं। हालांकि गुजरात में रह रहा मुकेश का भाई विकास प्रसाद बीच-बीच में घर पर फोन कर मुकेश की पत्नी तथा अपनी बहनों को ढांढस बंधा रहा है। लेकिन मुकेश की गिरफ्तारी के बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिलने तथा उसके पिता के लापता हो जाने से उनकी चिंता भी बढ़ती जा रही है।
बीते शनिवार को यूपी एटीएस ने टेरर फं¨डग नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए मांझा के आलापुर निवासी मुकेश प्रसाद सहित दस लोगों को गोरखपुर में गिरफ्तार किया था। लेकिन मुकेश को गिरफ्तार करने की सूचना अभी तक न तो यूपी एटीएस ने और ना ही स्थानीय पुलिस ने परिजनों को दी है। मुकेश को किस जेल में बंद किया गया है इसके बारे में भी परिजनों को कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। इस परिवार को मुकेश प्रसाद की गिरफ्तारी के अगले दिन रविवार को मीडिया से इसकी जानकारी मिली। मुकेश को टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने की जानकारी मिलते ही यह परिवार सकते में आ गया। मुकेश की पत्नी गुड्डी देवी बताती हैं कि मुकेश की गिरफ्तारी की जानकारी मिलने के अगले दिन सोमवार को मुकेश के शिक्षक पिता जलेश्वर प्रसाद स्कूल जाने की बात कर घर से निकले। कुछ देर बाद उन्होंने फोन कर बताया कि तबीयत खराब हो गई है और वे इलाज करने जा रहे हैं। इसके बाद जलेश्वर प्रसाद का कुछ पता नहीं चल सका। वे न घर लौटे और ना ही इस बीच उनका कॉल आया। गुड्डी देवी बताती हैं कि उनके फोन पर कॉल करने पर स्वीच ऑफ बता रहा है। गुड्डी देवी बताती हैं कि पति के बारे में कुछ पता नहीं चलने तथा ससुर के घर छोड़कर लापता हो जाने से ¨चता बढ़ती जा ही है।
गोरखपुर के शाहपुर में मुकेश ने लिया था किराए का मकान
टेरर फंडिंग नेटवर्क मामले में गिरफ्तार मांझा के आलापुर निवासी ने गोरखपुर के शाहपुर में किराए का एक मकान लिया था। बीते शनिवार को यूपी एटीएस ने इसी मकान से मुकेश प्रसाद को गिरफ्तार किया था। सूत्र बताते हैं कि गुजरात में काम करने के दौरान कुशीनगर निवासी मुशर्रफ अंसारी उर्फ निखिल राय के संपर्क में आने के बाद मुकेश मुशर्रफ के नेटवर्क से जुड़ गया था। हालांकि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि मुशर्रफ टेरर फंडिंग नेटवर्क का मास्टर माइंड है। वह हवाला के जरिए खाड़ी देशों में काम करने वाले लोगों का पैसा उनके घर भेजने की बात जानता था। मोटा कमीशन के लालच में वह इस काम में शामिल हो गया था। सूत्र बताते हैं कि मुकेश प्रसाद को फर्जी नाम तथा पते पर खाता खोलने की जिम्मेदारी मुशर्रफ ने दी थी। इन खातों में ट्रांसफर होने वाले रुपये के हिसाब से कमीशन मुकेश को मिलता था। सूत्र बताते हैं कि इस नेटवर्क से जुड़ने के बाद मुकेश छह महीना पहले ही गुजरात से वापस आकर गोरखपुर शहर के शाहपुर में किराए का मकान लेकर रहने लगा था। हालांकि इस बात की जानकारी उसने अपने परिवार के सदस्यों को नहीं दी थी। परिवार के सदस्य मुकेश के गुजरात में रह कर काम धंधा करने की बात ही जानते थे। सूत्र बताते हैं कि गोरखपुर में रहने के दौरान ही मुशर्रफ के माध्यम से मुकेश का परिचय इस नेटवर्क के सरगना गोरखपुर के करोबारी भाइयों नसीम अहमद तथा अरशद से हुआ था। हालांकि बाद में मुकेश को इस नेटवर्क के टेरर फंडिंग के लिए काम करने की जानकारी मिलने लगी थी। इसके बाद यह इस नेटवर्क से किनारा करने लगा था। अपना काम धंधा शुरू करने के लिए अपनी गिरफ्तारी से दो पहले घर आया था। घर आने के बाद रिश्तेदारों से डेढ़ लाख रुपये उधार लेकर ठंड बनाने की मशीन खरीदने गोरखपुर चला गया। इसके अगले ही दिन बीते शनिवार को यूपी एटीएस ने टेरर फंडिंग नेटवर्क मामले में शाहपुर स्थित किराए के मकान से मुकेश को गिरफ्तार कर लिया।


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