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Covid-19: बिहार में मुस्लिम संगठनों का बड़ा ऐलान, रमज़ान के महीने में घर में ही पढ़ें नमाज

बिहार के मुस्लिम संगठनों इमारत-ए-शरिया बिहार, एदार-ए-शरिया बिहार, जमियत-ए-उलेमा बिहार, जमात-ए-इस्लामी और खानकाहों ने ऐलान किया है कि रमज़ान (Ramadan 2020) के महीने में भी लोग अपने-अपने घरों में नमाज (Namaj) पढ़ें और पूरी तरह लॉक डाउन (Lockdown) का पालन करें. रमजान का चांद अगर 24 अप्रैल को दिखाई देता है तो रमज़ान का महीना 25 अप्रैल से शुरू हो जाएगा.
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रात में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज भी मस्जिदों में नहीं होगी
एक महीने के इस पाक महीने में मुस्लिम भाई-बहन दिन में रोजा रखते है और रात में इबादत करते हैं. इस महीने में लगभग सभी मस्जिदों में जबरदस्त भीड़ होती है. कोरोना जैसी खतरनाक बीमारी और लॉक डाउन के मद्देनजर मुस्लिम संगठनों ने एलान किया है कि मस्जिद में जाने के बजाए रमज़ान के महीने में भी लोग अपने-अपने घरों में ही नमाज पढ़ें. रमज़ान के महीने में रात में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज भी मस्जिदों में नहीं होगी. इमारत-ए-शरिया बिहार के महासचिव मौलाना शिबली कासमी ने कहा कि तरावीह की नमाज मस्जिदों में नही होगी, इसलिए ये एलान किया जाता है कि लोग अपने-अपने घरों में तरावीह की नमाज का इंतजाम करें. तरावीह की नमाज के लिए मस्जिदों में आने की जरुरत नही है. लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन करें और कोरोना के खिलाफ सरकार की मुहिम का हिस्सा बनें.
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रमज़ान के महीने में इफ्तार पार्टियां नहीं होगीं
जमात-ए-इस्लामी और जमियत-ए-उलेमा बिहार के मुताबिक इफ्तार पार्टियों पर खर्च होने वाले रकम से गरीबों की मदद की जाएगी. इमारत-ए-शरिया बिहार ने भी एलान किया है की इफ्तार पार्टियों पर पूरी तरह से पाबंदी रहेगी. इमारत ने अपील किया है कि इफ्तार पार्टी पर खर्च होने वाली रकम से गरीब और जरुरतमंदों के खाने-पीने का इंतजाम लोग जरुर करें. इमारत-ए-शरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानव जीवन की रक्षा के लिए लॉक डाउन बढ़ाया है. प्रधानमंत्री ने जो निर्णय लिया है वो प्रशंसनीय है, लेकिन श्रमिकों, गरीबों और रोज खाने-कमाने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है. इस मुसीबत की घड़ी में जरुरतमंद और गरीबों की मदद के लिए समाज के सभी तबके को आगे आने की जरुरत है.
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इफ्तार पार्टियों पर भी लगी रोक
इमारत ने अपील किया है कि इफ्तार पार्टी पर खर्च होने वाले पैसों से बगैर किसी भेदभाव के तमाम लोगों की मदद की जाए और उनके खाने का इंतजाम किया जाए. मुस्लिम संगठनों ने खुद भी रमज़ान के महीने में रोजाना फूड पैकेट बांटने की योजना बनायी है जिसकी तैयारी बड़े पैमाने पर की जा रही है. मुस्लिम संगठनों ने साफ तौर से कहा है कि रमज़ान के महीने में मस्जिदों में आने, किसी भी तरह का जलसा करने, भीड़ के साथ इबादत करने से पूरी तरह परहेज करें. नमाज अपने घरों में पढ़ें और लॉक डाउन का पूरी तरह से पालन करें.
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कोरोना की कराएं जांच
इमात-ए-शरिया बिहार ने लोगों से अपील की है कि जो लोग बीमार हैं या उन्हें कोरोना जैसी बीमारी का शक हो वो जरुर अपने घरों से बाहर निकलें और अपना जांच कराएं. कोरोना के खिलाफ सरकार की मुहिम का साथ दें, साथ ही डॉक्टरों, नर्स और स्वास्थ्य के कामों में लगे कर्मचारियों को पूरा सम्मान दें. पुलिस के जवानों और पत्रकारों की भी इज्जत करें. ऐसे वक्त में ये लोग अपनी जान की बाजी लगा कर अपने-अपने काम के जरिए आम जन की मदद कर रहे हैं और उनके और उनके काम को कद्र की निगाह से देखें.