आठ वर्षों में बनकर तैयार सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे । वे पटना से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महासेतु का लोकार्पण करेंगे। महासेतु के चालू हो जाने से सारण-तिरहुत प्रमंडल आपस में जुड़ जाएंगे।
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पड़ोसी देश नेपाल की दूरी भी होगी कम: सत्तरघाट महासेतु के निर्माण से पड़ोसी देश नेपाल की दूरी भी कई जिलों के लिए कम हो गई है। सीवान, सारण, गोपालगंज के अलावे उत्तर प्रदेश के देवरिया, कुशीनगर,बलिया, वाराणसी जिलों से नेपाल की दूरी अस्सी से सौ किलोमीटर तक कम हो गई है । राम-जानकी पथ इसी महासेतु होकर गुजरेगा। जिससे अयोध्या से जनकपुर तक जाने का रास्ता अब आसान साबित होगा।
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पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा : महासेतु चालू होने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। बोधगया से केसरिया बौद्ध स्तूप तक जाने वाले सैलानियों को पहले की तुलना में कम दूरी तय करनी पड़ेगी। जबकि नेपाल के जनकपुर धाम जाने में भी श्रद्धालुओं को आसानी होगी। इस महासेतु के निर्माण होने के बाद धनेश्वरनाथ मंदिर सिंहासनी, केसरिया शिव मंदिर, अरेराज शिव मंदिर,सहित जनकपुर जाने वाले श्रद्धालुओं को आसानी होगी। उत्तर बिहार के दूसरे जिलों से श्रद्धालु आसानी से थावे पहुंच सकेंगे।
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व्यवसाय से जुड़ेंगे सैकड़ों लोग: सत्तरघाट महासेतु उद्घाटन के बाद मंगलवार से आवागमन शुरू हो हो जाएगा। महासेतु पर आवागमन से व्यापार जगत को बढ़ावा मिलेगा। यूपी के वाराणसी, बलिया के रास्ते मुजफ्फरपुर,शिवहर, दरभंगा, मधुबनी, होकर झारखंड, पश्चिम बंगाल, असम के अलावा पड़ोसी देश नेपाल आने जाने वाले मालवाहक वाहनों को सहूलियत मिलेगी।
माल ढुलाई पर खर्च भी कम होंगे। राम-जानकी पथ के दोनों तरफ होटल ढाबे व विभिन्न प्रकार के दुकानें खुलेंगी । इससे गोपालगंज-पूर्वी चंपारण जिलों के लोगों को रोजगार मिलेगा।
गन्ने की ढुलाई होगी आसान: बैकुंठपुर। पूर्वी चंपारण- गोपालगंज के बीच सत्तरघाट महासेतु का निर्माण होने के बाद अब गन्ने की ढुलाई भी किसानों के लिए आसान साबित होगी। मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण सहित अन्य जिलों से किसान गोपालगंज विष्णु शुगर मिल व भारत सुगर मिल सिधवलिया में गन्ने की आपूर्ति करते हैं। कम समय व दूरी में ही किसानों का गन्ना मिलों तक आसानी से पहुंच जाएगा।