Bihar Local News Provider

गोपालगंज: अब सारण मुख्य बांध धराशायी, 500 से 600 गांवों पर मंडराया बाढ़ का खतरा

बरौली के देवापुर में सारण प्रमुख बांध टूट गया है. इसके अलावा मांझागढ़ प्रखंड के पुरैना में भी सारण बांध टूट गया है. इसकी वजह से गंडक नदी का तेज बहाव एनएच 28 (NH-28) की तरफ बढ़ रहा है. जिला प्रशासन की ओर से सारण बांध के किनारे बसे गांवों में लोगों को अलर्ट करने के लिए घोषणा करवाई जा रही है.
[the_ad id=”11915″]
बता दें कि गोपालगंज में साढ़े चार लाख क्यूसेक पानी का बहाव (Flood Water Flow) था, जिसकी वजह से जिले में तटबंधों पर कई जगह रिसाव हो रहा था. बीती रात सिकटिया में रिसाव हो रहा था. उसके बाद सूचना मिली की बरौली के देवापुर रिंग बांध में रिसाव शुरू हो गया, जब तक अधिकारी मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लेते तब तक देखते ही देखते रिंग बांध ताश के पत्तों की तरह धराशायी हो गया. रिंग बांध टूटने की वजह से गंडक नदी (Gandak River) का तेज बहाव बरौली के देवापुर गांव के समीप सारण मुख्य बांध की तरफ बढ़ने लगा और अचानक खबर आई की रात को करीब 11 से 12 के बीच में सारण बांध भी टूट गया.
[the_ad id=”11918″]
सारण बांध के टूटने से पानी तेजी से एनएच 28 की ओर बढ़ने लगा है. बांध के टूटने के साथ ही एनएच 28 पर बड़े वाहनों का परिचालन ठप हो गया है. मौके पर कोई भी प्रशासनिक अधिकारी नहीं दिखा. लोग अपने घरों से सामन निकालने के लिए रात भर जागते रहे. इस बांध के टूटने से गोपालगंज का बरौली, मांझागढ़, सिधवलिया और बैकुंठपुर प्रखंड के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका है. इन प्रखंडों में बसे करीब 500 से 600 गांव बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं.
[the_ad id=”11919″]
गोपालगंज के इन चार प्रखंडों के अलावा सीवान और छपरा के इलाकों के भी बाढ़ से प्रभावित होने की आशंका है. गोपालगंज में सारण बांध के दो जगहों पर टूटने के बाद तेजी से पानी मांझागढ़ और बरौली प्रखंड के नए इलाकों में घुस रहा है. यहां गंडक की तेज बहाव की वजह से लगातार पानी एनएच 28 की दूसरी तरफ बह रहा है.
[the_ad id=”12680″]
जब यह बांध टूटा तब गंडक में करीब 4 लाख क्यूसेक पानी का बहाव था. बांध के टूटते ही लोग अपने मवेशियों को लेकर ऊंचे स्थानों पर जाने लगे हैं. ऊपर असमान से लगातार बारिश हो रही है और नीचे पानी के बहाव की वजह से लोगों की मुश्किलें दोगुनी हो गईं. उनके घरों के आसपास पानी फैलने लगा है. गुरुवार की मध्य रात्रि जैसे ही बांध टूटा वैसे ही लोगो में अफरातफरी मच गयी. उनकी समस्या है कि आखिर कोरोना काल में वे जाएं तो कहां जाए.