भाई-बहन के पवित्र प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्योहार रविवार को पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बहनों ने अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधकर उनके दीर्घ जीवन और सुखद भविष्य की कामना की। इस दौरान भाइयों ने भी बहनों की रक्षा का संकल्प लिया।
रविवार की सुबह से ही रक्षाबंधन त्योहार को लेकर घर-घर में उल्लास का माहौल रहा। सुबह से भी बहनें स्नान ध्यान कर राखी बांधने व भाइयों का मुंह मीठा कराने की तैयारियों में जुटी दिखी। भाई भी दूर दराज स्थित बहनों के ससुराल में रहने वाली अपनी बहनों के घर जाने के लिए सुबह से ही घर से निकल पड़े। शहर से लेकर देहात तक की सड़कों पर चहल-पहल काफी बढ़ गई। इस दौरान शहर और कस्बाई इलाके में रक्षा बंधन के मधुर गीत बजते रहे। बहना ने भाई की कलाई पर प्यार बांधा है., भइया मेरे राखी के बंधन को न भुलाना., से लेकर ये राखी बंधन है ऐसा., जैसे गीत ने माहौल में उत्साह भर दिया। इसके अलावा हथुआ, थावे कटेया, भोरे, विजयीपुर, फुलवरिया, उंचकागांव, कुचायकोट, मांझा, सिधवलिया, बैकुंठपुर, बरौली तथा पंचदेवरी प्रखंड में भी भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का यह त्योहार परंपरागत ढंग से मनाया गया।
राखी दुकानों पर सुबह तक दिखी भीड़
रक्षाबंधन के दिन सुबह तक राखी की दुकानों पर लोगों की भीड़ देखी गई। दिन के आठ बजे तक शहर की दुकानों पर लोग राखी खरीदते नजर आए। इस मिठाई की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ लगी रही। गिफ्ट कार्नर की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ दिखी। पर्व को देखते हुए राखी, गिफ्ट कार्नर तथा मिठाई की दुकानें रविवार को सुबह छह बजे ही खुली नजर आयी।