एसएस बालिका स्कूल स्थित मैट्रिक की कॉपियों के मूल्यांकन केंद्र से 42400 कॉपियों के गायब होने के मामले में मंगलवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-पांच शंभुधर द्विवेदी के कोर्ट ने स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव तथा आदेशपाल छठु सिंह की जमानत याचिका को रद्द कर दिया. अभियोजन पक्ष से लोक अभियोजक देववंश गिरि उर्फ भानू गिरि ने कोर्ट को बताया कि पुलिस की डायरी से स्पष्ट है कि मूल्यांकन केंद्र की चाबी प्राचार्य प्रमोद श्रीवास्तव के पास थी.
कॉपियों के गायब होने से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. प्राचार्य के मोबाइल पर आदेश देने के बाद मूल्यांकन केंद्र का ताला तोड़ा गया. अभियोजन पक्ष ने कहा कि कॉपियों के गायब होने के मामले में आरोपित पूरी तरह से दोषी हैं.
पुलिस की अब तक की जांच से सभी लोग गंभीर अपराध के भागीदार हैं, जबकि प्राचार्य की तरफ से बचाव करते हुए प्रभुनाथ सिंह तथा आदेशपाल छठु सिंह की तरफ शारिक इमाम ने कहा कि आदेशपाल इस पूरे प्रकरण में कहीं भी दोषी नहीं है. सोची-समझी रणनीति के तहत उसे फंसाया गया. हालांकि, बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए इनकी जमानत अपील को रद्द कर दिया गया. अब इन्हें जमानत के लिए पटना हाईकोर्ट में अपील करनी होगी.
क्या है मामला
एसएस बालिका प्लस टू स्कूल में शिक्षा विभाग ने मूल्यांकन केंद्र बनाया था. इसमें जांच के लिए नवादा जिले के मैट्रिक की कॉपियां आयी थीं. मूल्यांकन के बाद रिजल्ट चार्ज बिहार बोर्ड को सौंप दिया गया, लेकिन कॉपियों को मूल्यांकन केंद्र में ही सुरक्षित रखना था.
गत 15 जून को जब बिहार बोर्ड के कर्मी टॉपर छात्रों की कॉपी लेने पहुंचे तो पता चला कि टॉपरों की एक दर्जन कॉपियां गायब हैं. जब गंभीरता से जांच की गयी तो 42400 कॉपियां गायब पायी गयीं. इस मामले में स्कूल के प्राचार्य प्रमोद कुमार श्रीवास्तव ने 17 जून को नगर थाने में आदेशपाल छठु सिंह तथा रात्रि प्रहरी आसपूरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी थी.