गत वर्ष राज्य में चमकी बुखार व जपानी बुखार से बच्चों की मौत के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर सदर अस्पताल में खोले गए पीडियाट्रिक वार्ड में ताला लटक गया है। यह स्थिति तब है जबकि इस वार्ड का उद्घाटन सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने किया था। सदर अस्पताल के पीडियाट्रिक वार्ड में तैनात चिकित्सक के तबादले के बाद यह स्थिति पैदा हुई है।
जानकारी के अनुसार गत वर्ष मई व जून के महीने में सूबे में चमकी बुखार व जापानी बुखार से कई बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर सदर अस्पताल में बच्चों के बेहतर इलाज के लिए पीडियाट्रिक वार्ड खोला गया। इस वार्ड में एक माह से दस साल तक के बच्चों के बेहतर उपचार के साथ साथ आईसीयू की भी व्यवस्था की गई थी। ताकि अगर किसी बच्चे में चमकी बुखार का लक्षण मिले तो उसका इलाज किया जा सके। बीते साल अक्टूबर माह में पीडियाट्रिक वार्ड का उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने किया था। लेकिन खुलने के महज पांच माह के अंदर ही पीडियाट्रिक वार्ड में ताला लटक गया। पिछले एक माह से पीडियाट्रिक वार्ड में ताला बंद है। ऐसे में पीडियाट्रिक वार्ड में लाखों रूपए के लगाए गए मशीन भी जंग खा रही है। इस संबंध में पूछे जाने पर डीपीएम धीरज कुमार ने बताया कि पीडियाट्रिक वार्ड में एएनएम की तैनाती की गई है। जरूरत के अनुसार चिकित्सकों को भी उपचार करने के लिए भेजा जाता है।