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स्वास्थ्य समाचार : सुरक्षित मातृत्व अभियान की गुणवत्ता में होगी बढ़ोतरी, शुरू होगी ऑनलाइन मोनिट्रिंग

• तीन महीने में चिकित्सा इकाई को करना होगा अपना मूल्यांकन
• प्रत्येक महीने मल्टी स्टेकहोल्डर भी करेंगे मूल्यांकन
• पर्येवेक्षण के लिए प्रत्येक महीने की 7 तारीख को बनेगा प्लान
गोपालगंज :अब प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) की बेहतर निगरानी होगी। इसके लिए प्रत्येक चिकित्सा इकाई के चिकित्सा प्रभारी को ख़ुद पीएमएसएमए की त्रैमासिक मूल्यांकन करनी होगी। साथ ही जिला स्तर पर गठित गुणवत्ता निर्धारण टीम के द्वारा पीएमएसएमए पोर्टल पर मूल्यांकन रिपोर्ट जमा करेंगे। इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने पीएमएसएमए की साइट पर पीएमएसएमए की ऑनलाइन मोनिट्रिंग टैब को जोड़ा है।
प्रत्येक महीने मल्टी स्टेकहोल्डर करेंगे मूल्यांकन: प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर पीएमएसएमए का आयोजन किया जाता है। जिसमें गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है। इस सुविधा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए नयी पहल की गयी है। अब प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्रों पर आयोजित होने वाले पीएमएसएमए की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाएगा। इसके लिए से प्रमुख स्टेक होल्डर्सकी सहायता से जिला स्तरीय गुणवत्ता निर्धारण कमिटी द्वारा प्रत्येक महीने प्रत्येक पीएमएसएमए साइट की रिपोर्ट पीएमएसएमए पोर्टल पर अपडेट की जाएगी।
साइट का दौरा कर देंगे फीडबैक : प्रत्येक महीने की 9 वीं तारीख को प्रमुख स्टेक होल्डर सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के लिए पीएमएसएमए साइट का दौरा करेंगे। साथ ही इसका फीडबैक जिला स्तरीय गुणवत्ता निर्धारण कमिटी को भी देंगे। साथ ही दौरे में मिले अवलोकन को अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी के साथ साझा भी करेंगे। इससे संभावित कमियों को दूर करने में आसानी होगी।
7 वीं तारीख को बनानी होगी कार्य योजना: प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु एवं किशोरी स्वास्थ्य के सहयोगी संस्था एवं राज्य स्तरीय मोनिटर्स के सहयोग से जिला स्तरीय गुणवत्ता निर्धारण कमिटी महीने की 7 तारीख को सहयोगात्मक पर्यवेक्षण की कार्य योजना बनाएंगे।
चिकित्सा प्रभारी करेंगे त्रैमासिक मूल्यांकन: प्रत्येक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधीक्षक को भी पीएमएसएमए की त्रैमासिक समीक्षा करनी होगी। समीक्षा की रिपोर्ट पीएमएसएमए पोर्टल पर भी अपडेट करनी होगी।
प्रत्येक महीने की 11 वीं तारीख को जमा करनी होगी रिपोर्ट: पीएमएसएमए पोर्टल पर अलग-अलग जिला स्तरीय गुणवत्ता निर्धारण कमिटी के लिए लॉगिन की व्यवस्था की गयी है। स्टेकहोल्डर द्वारा किए गए सहयोगात्मक पर्यवेक्षण के फीडबैक के आधार पर जिला स्तरीय गुणवत्ता निर्धारण कमिटी को प्रत्येक पीएमएसएमए साइट का ब्योरा महीने की 11 वीं तारीख को पीएमएसएमए पोर्टल पर डालनी होगी।
निगरानी में होगी सहूलियत: ऑनलाइन मोनिट्रिंग के कारण जिला से लेकर राज्य स्तर तक के अधिकारी पीएमएसएमए की गुणवत्ता पर नजर रख पाएंगे। इससे अस्पताल में उपलब्ध जरूरी संसाधनों की जानकारी भी उपलब्ध हो सकेगी। इसके आधार पर जरूरी कार्रवाई करना आसान हो सकेगा।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
जिले में पीएमएसएमए का शत-प्रतिशत आयोजन सुनिश्चित किया जा रहा है। इसके लिए सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को पूर्व में ही निर्देशित किया गया है। अब ऑनलाइन मोनिट्रिंग शुरू होने से इसकी गुणवत्ता में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
डॉ. नंदकिशोर प्रसाद सिंह, सिविल सर्जन सिवान