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कुचायकोट- बुलेट की हत्या में पुलिस खाली हाथ

चर्चित छात्र बुलेट हत्याकांड में पुलिस को कोई सुराग नहीं मिला. वारदात के बाद जांच के लिए पहुंचे डॉग स्क्वायड को भी सफलता नहीं मिली. गोपालपुर पुलिस ने प्रेम-प्रसंग में बुलेट की हत्या किये जाने की आशंका जतायी है. हालांकि साक्ष्य नहीं मिलने के कारण मामला स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. गोपालपुर थाने के विशुनपुर निवासी मृतक छात्र के पिता उदय सिंह ने बताया कि बुलेट घर से शादी में ऑर्केस्ट्रा देखने के लिए निकला था.

ऑर्केस्ट्रा देखने के दौरान रात के करीब 10 बजे उसे बुलाने के लिए गया था, लेकिन उसने इन्कार कर दिया. दोबारा 11 बजे के आसपास गांव के किसी लड़के को भेजकर बुलाया गया. बार-बार बुलाने के बाद भी बुलेट थोड़ी देर में घर आने की बात कहता रहा. उधर, परिजन सोने चले गये. सुबह में बुलेट का कोई अता-पता नहीं चला. जैसे ही परिजन खाना बनाकर खाने के लिए बैठे, वैसे ही बुलेट का शव रहर की खेत में पड़े होने की सूचना आयी. परिजनों ने कहा कि अगर पिता की बात बुलेट मान जाता तो उसकी जान बच जाती. उधर, गांव में बुलेट का शव मिलते ही इलाके में दहशत फैल गयी. गोपालपुर के थानाध्यक्ष अमृतेश ने घटना की जांच की.
जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. हत्या के मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने डॉग स्क्वायड बुलाया. डॉग स्क्वायड ने देर शाम तक घटनास्थल और विद्यालय परिसर की तलाशी ली. पुलिस की करीब तीन घंटे की जांच में कोई सफलता नहीं मिली. हालांकि पुलिस ने हत्या में अहम सुराग मिलने की बात कही है.
सकिरा टोले का ट्रैक्टर चलाता था बुलेट : बुलेट साह पास की गांव सकिरा टोला में किसी के यहां ट्रैक्टर चलाने का काम भी करता था. पुलिस ने ट्रैक्टर मालिक और गांव के लोगों से भी पूछताछ करनी शुरू कर दी है. परिजनों के मुताबिक पढ़ाई छोड़कर ट्रैक्टर चलाने का काम शुरू किया था. ट्रैक्टर चलाने से मना करने पर भी अक्सर सकिरा टोला में जाया करता था.
प्रेम प्रसंग के बिंदुओं पर गोपालपुर पुलिस ने शुरू की जांच 
गोपालपुर थाने के विशुनपुर गांव में हुई थी छात्र की हत्या 
पुलिस हत्या में अहम सुराग मिलने की कह रही बात
मोबाइल पर किसका आया आखिरी कॉल 
पुलिस ने बुलेट की मोबाइल को जब्त कर लिया है. बुलेट के मोबाइल पर रात में आखिरी बार अलग-अलग दो नंबरों से कॉल आया था. कॉल किसका था, पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक मोबाइल भी हत्या का राज खोल सकता है. फिलहाल पुलिस ने सीडीआर निकालने के लिए आइटी सेल की मदद लेनी शुरू कर दी है.