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गोपालगंज: एक साल में 894 आंगनबाड़ी क्षेत्रों में एक भी बच्चे ने नहीं लिया जन्म

यह बात चौंकाने वाली है, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों की रिपोर्ट में सही है. 894 आंगनबाड़ी केंद्र ऐसे है, जिसके क्षेत्र में पिछले एक साल में एक भी महिला को बच्चा नहीं हुआ है. इस रिपोर्ट को लेकर विभाग गंभीर हो गया है. प्रथम दृष्टया विभाग आंगनबाड़ी केंद्र और पर्यवेक्षिकाओं को दोषी मान रहा है. आईसीडीएस की डीपीओ संगीता कुमारी का मानना है कि सेविका और सहायिका की लापरवाही के कारण जन्म देने वाली मां का आवेदन फॉर्म नहीं भरा गया.
इसके कारण महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा. ऐसे आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका-सहायिका और पर्यवेक्षिका को कड़ा निर्देश दिया गया है कि वे एक से सात सितंबर तक चलने वाले विशेष अभियान के तहत लक्ष्य के अनुरूप पांच-पांच आवेदन को प्राप्त कर परियोजना कार्यालय को उपलब्ध कराएं. रविवार तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों से दो-दो फॉर्म उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. नहीं तो आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्रवाई तय है. आखिर पिछले एक साल में क्या एक भी बच्चा आंगनबाड़ी केंद्र के परीक्षेत्र में नहीं हुआ. अगर नहीं हुआ तो इसका भी रिपोर्ट तलब किया गया है.

गड़बड़झाला
गर्भवतियों को नहीं मिल पा रहा प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का  लाभ
सेविका और पर्यवेक्षिका की लापरवाही से नहीं मिल रहे नवजात
तत्काल प्रभाव से इन केंद्रों पर विशेष अभियान चलाने का आदेश
सीडीपीओ के अपलोड नहीं करने से 1760 को लाभ नहीं
जिले के 14 प्रखंडों के 2464 आंगनबाड़ी केंद्रों में से जमा किये गये आवेदन का सत्यापन सीडीपीओ को करना है. इसमें 1760 आवेदन का सत्यापन नहीं करने के कारण लाभुकों के खाते में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की राशि नहीं जा रही है. इस मामले को गंभीरता से लेकर विभाग ने सीडीपीओ को तत्काल प्रभाव से इन आवेदनों को सत्यापन करने का निर्देश दिया है.
आंगनबाड़ी सेविका भरवायेंगी लाभार्थी का फॉर्म
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लाभार्थी महिला की तमाम जानकारी उसके घर से एकत्रित करके फार्म को भरकर पर्यवेक्षिका सीडीपीओ कार्यालय में जमा करायेंगी. इस फार्म को भरने के लिए महिला की आयु 19 साल से अधिक होनी चाहिए. महिला व उसके पति का आधार कार्ड अनिवार्य रहेगा. राशि की किस्तों के लिए तीन अलग-अलग फार्म भरे जाएंगे. लाभार्थी महिला की बैंक या डाकघर की फोटोयुक्त पासबुक, मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड की कॉपी भी लगेगी. गर्भवती महिला जिसे सरकारी व अर्धसरकारी संस्था से प्रसूति सहायता मिल रही हो, उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा. प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के सभी फार्म महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक सत्यापित करेंगे.
क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 5000 रुपये की अनुदान राशि मिलेगी. यह राशि गर्भवती महिला को तीन किस्तों में मिलेगी. पहली किस्त उसके गर्भवती होने के 150 दिन बाद 1000 रुपये मिलेगी. इसके बाद दूसरी किस्त 2000 रुपये महिला के सातवें से नौवें माह के बीच मिलेगी. अंतिम किस्त 2000 के रूप में बच्चे के छह माह पूरा होने पर दी जायेगी.