कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय पर अवैध रुप से संचालित एक नर्सिंग होम में आक्सीजन के अभाव में एक नवजात शिशु की मौत हो गई तथा उसकी मां जीवन और मौत से जूझ रही है। इस घटना के बाद चिकित्सक, संचालक सहित सभी कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए। घटना के बाद आक्रोशित परिजन रोते बिलखते इधर उधर भटकते रहे। इस दौरान कुछ लोग मामले को रफा दफा करने में जुटे रहे।
मिली जानकारी के अनुसार सिवान जिले के सवना उत्तर टोला बड़हरिया गांव निवासी धर्मेंद्र मिश्रा की पत्नी रीना देवी गर्भवती होने के बाद दलालों के माध्यम से कुचायकोट प्रखंड मुख्यालय स्थित एक निजी नर्सिंग होम के एक ऐसी चिकित्सक के संपर्क में आईं, जिसके पास न तो कोई डिग्री है और ना ही नर्सिंग होम का निबंधन कराया गया है। यह तथाकथित चिकित्सक एक दरबेनुमा मकान मे स्थित अवैध रूप से एक नर्सिंग होम चलाता है। बताया जाता है कि प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार की परिजनों ने इस नर्सिंग होम में रीना देवी को भर्ती कराया। परिजनों का आरोप है कि शुक्रवार की सुबह से ही रीना देवी का ऑपरेशन कराने का दबाव डाला जाने लगा। दोपहर को इनकी जान को खतरा बता इनका ऑपरेशन कर दिया गया। रीना देवी ने एक बच्चे को जन्म दिया। लेकिन जन्म के बाद नवजात की हालत बिगड़ने लगी। लेकिन नर्सिंग होम में न तो ऑक्सीजन सि¨लडर था और ना ही अन्य जरुरी साजो सामान। इसके बाद बच्चे को कहीं और ले जाने का फरमान डॉक्टर और संचालक द्वारा सुना दिया गया । परिजन बच्चे को लेकर कही दूसरी जगह ले जाने की तैयारी कर ही रहे थे कि तब तक उसकी मौत हो गई। रीना देवी की हालत भी नाजुक बनी हुई है। नवजात की मौत आक्रोशित परिजन इलाज में लापरवाही करने का आरोप लगाने लगा। मामला बिगड़ता देख चिकित्सक, संचालक सहित सभी कर्मी अस्पताल छोड़कर फरार हो गए। इस बीच कुछ लोग परिजनों को समझाने बुझाने के साथ ही किसी प्रकार की कानूनी कार्रवाई नहीं करने के सलाह दे मामले को रफा दफा करने के प्रयास में जुट गए। समाचार लिखे जाने तक इस घटना को लेकर थाना में आवेदन नहीं दिया गया था।
Leave a Reply