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हथुआ अनुमंडल क्षेत्र में थम नहीं रहा हिंसा प्रतिहिंसा का दौर

अनुमंडल क्षेत्र में पिछले एक वर्ष से लगातार हिंसा-प्रतिहिंसा का दौर जारी है। अपराधी लगातार हत्या की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। बदमाशों के तांडव के आगे पुलिस पूरी तरह बेबस है। पिछले वर्ष 14 जून को हथुआ अनुमंडल क्षेत्र के भोरे थाने के खजुरहां गांव के पास पेट्रोल पंप का निर्माण करा रहे कोल्ड स्टोरेज के मालिक रामाश्रय सिंह की बाइक सवार अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। 9 जुलाई को हथुआ थाने के सोहागपुर पंडितपुरा गांव में अपराधियों ने सीवान जिले के सियाड़ी गांव के निवासी ज्ञानदेव पुरी की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
 
इस साल के प्रारंभ में 11 जनवरी को मीरगंज थाने के हथुआ रेलवे स्टेशन के समीप अपराधियों ने दिन-दहाड़े गिट्टी के रैक प्वाइंट पर एक कुख्यात बदमाश की सिर में गोली मार कर हत्या कर दी गई। मृतक सीवान जिले के मुफस्सिल थाने के रामपुर गांव के विश्वनाथ शर्मा का पुत्र राज कुमार शर्मा था। उस पर गोपालगंज व सीवान जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में करीब 19 अपराधिक मामले दर्ज हैं। इस घटना के 24 घंटे के अंदर ही 12 जनवरी को मीरगंज थाना क्षेत्र के सीवान- गोपालगंज बाईपास रोड स्थित वाहन सर्विस सेंटर के सामने अज्ञात अपराधियों ने मटिहानी नैन पंचायत के पूर्व मुखिया की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक जिगना गोपाल गांव के अरुण सिंह थे। घटना तब हुई जब वे अपने वर्कशॉप के बाहर बैठे हुए थे।
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हत्या के बाद पूरे इलाके में भय और दहशत का माहौल कायम हो गया था। उसके बाद अपराधियों ने इस वर्ष 9 मई को उचकागांव थाना क्षेत्र में बड़वा मठिया बलेसरा गांव के समीप दिन-दहाड़े कुचायकोट जदयू विधायक अमरेन्द्र कुमार पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय के करीबी की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक कटेया थाने के बभनी गांव के नरेंद्र मिश्रा के पुत्र शम्भू मिश्रा थे। अब एक बार फिर 24 मई को को हुए तिहरे हत्याकांड से इलाके में दहशत का आलम है।