सिधवलिया थाना क्षेत्र के बलीछापर गांव में बुधवार को गेहूं की फसल का पटवन कर रहे एक किसान तथा उनके पुत्र की खेत में लगाए गए विद्युत पोल से पानी में बिजली प्रवाहित होने के कारण करंट लगने से मौत हो गई। पिता पुत्र की मौत की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने झझवा पावर सब स्टेशन के समीप पिता-पुत्र के शव को सड़क पर रख कर एनएच 28 को जाम कर दिया। ग्रामीण विद्युत विभाग के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने, मृतक के वारिस को नौकरी तथा मुआवजा देने की मांग कर रहे थे। जाम की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ग्रामीणों को समझाने में जुटी रही। लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर डटे रहे। इस दौरान एनएच भीषण जाम में फंस गया। एनएच के दोनों किनारे वाहनों की कतारें लग गईं। हालांकि बाद में मौके पर पहुंचे प्रभारी एसडीओ उपेंद्र पाल ने ग्रामीणों को मुआवजा देने तथा उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर शांत करा दिया। इसके बाद छह घंटे तक जाम में फंसे एनएच पर वाहनों का पहिया सरकने लगा। ग्रामीणों के शांत होने के बाद पुलिस ने पिता-पुत्र के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।
बताया जाता है कि बलीछापर गांव निवासी हरेंद्र यादव तथा उनके पुत्र शैलेश कुमार अपने गांव के समीप फुलवारी के पास स्थित अपने गेहूं की खेत में पटवन कर रहे थे। इनके खेत में विद्युत पोल लगा है। जिस पर से 11 हजार वोल्ट का तार गुजरता है। पोल से अर्थिंग का तार खेत तक गया है। लेकिन जहां अर्थिंग का तार लगाया गया है उस स्थान को खुला छोड़ दिया गया है। बताया जाता है कि पटवन के दौरान अर्थिंग के तार से पानी में बिजली प्रवाहित होने से करंट लगने से पिता-पुत्र की मौके पर ही मौत हो गई। पिता-पुत्र की करंट लगने से मौत होने की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। आक्रोशित ग्रामीणों ने झझवा पावर सब स्टेशन के समीप पिता पुत्र का शव रख कर एनएच जाम कर दिया। ग्रामीण मृतक के परिजनों को मुआवजा देने, विद्युत विभाग के पदाधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने तथा मृतक के एक वारिस को सरकारी नौकरी देने की मांग कर रहे। बाद में छह घंटे तक चले जाम के बाद मौके पर पहुंचे प्रभारी एसडीओ ने ग्रामीणों को उचित कार्रवाई करने का आश्वासन देकर शांत कराया। इसके बाद एनएच पर वाहनों का पहिया सरकने लगा।
खाना बना बेटे-पोते की राह देख रही थीं दादी, मिली मौत की खबर:
बुधवार की सुबह गेहूं की खेत का पटवन करने जा रहे अपने पुत्र हरेंद्र यादव तथा पोते शैलेश कुमार को प्यारी देवी ने कुछ देर रुक कर जाने को कहा था। ताकि वे कुछ खा लें। लेकिन दोनों कुछ देर बाद आने की बात कर खेत की तरफ निकल गए थे। पुत्र पोते को पटवन के लिए जाने के बाद प्यारी देवी अपनी बहू हरेंद्र यादव की पत्नी बासमति देवी के साथ मिल कर घर का चूल्हा लाकर खाना बनाने लगीं। दिन के दस बजे तक खाना तैयार हो गया। खाना तैयार होने के बाद प्यारी देवी अपने पुत्र तथा पोते का घर आने की राह देखने लगीं। लेकिन तभी उन्हें अपने पुत्र तथा पोते की पटवन करने के दौरान करंट लगने से मौत होने की खबर मिली। इस सूचना से पूरा परिवार सन्न रह गया। दादी प्यारी देवी तथा हरेंद्र यादव की पत्नी बासमित देवी की चीख निकल गई तथा दोनों बेसुध हो गईं। इस खबर के बाद घर के अन्य सदस्य तथा ग्रामीण खेत की तरफ दौड़ पड़े। देखते ही देखते पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। मृतक के परिजनों के चित्कार से उनके घर पहुंची महिलाओं के आंखों से भी आंसू टपकने लगे। खेत की तरफ दौड़ कर गए ग्रामीणों में वहां पड़े पिता पुत्र के शव को देखकर आक्रोश फैल गया। आक्रोशित ग्रामीण पिता पुत्र के शव का उठाकर एनएच जाम करने निकल पड़े।