Bihar Local News Provider

गोपालगंज: हटेगा अतिक्रमण, पुराने स्वरूप में लौटेंगे सार्वजनिक तालाब

भू-जलस्तर के लगातार गिरने को देखते हुए अब प्रशासन ने तालाबों का कायाकल्प करने की पहल किया है। इस पहल के तहत प्रशासनिक स्तर पर पुराने तालाब को विकसित कर उन्हें उनके पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद शुरू हो गई है। इस योजना के तहत जिले के प्रत्येक पंचायत में दस-दस पुराने तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई प्रारंभ की गई है। सभी अंचल में तैनात सीओ को तालाब का सीमांकन करने का कार्य अप्रैल माह तक पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद इन्हें इनके पुराने स्वरूप में लाने के लिए काम शुरू किया जाएगा।
 
जिले में प्रशासनिक स्तर पर करीब पांच साल पूर्व ही गांवों में जलग्राम बनाने की योजना तैयार की गई थी। लेकिन कागजी स्तर पर कार्रवाई के बाद योजना को प्रशासनिक अधिकारी भूल गए। इधर लगातार भू-जलस्तर के गिरने को देखते हुए सरकार ने जल शक्ति अभियान के तहत पुराने तालाबों व नालों को उनके पुराने स्वरूप में लाने की पहल शुरू की। इसके बाद अब जिले के प्रत्येक पंचायत में इस अभियान को गति देने की कवायद प्रारंभ की गई है। इस योजना के तहत प्रथम चरण में 2300 पुराने तालाबों को चिन्हित करने के साथ ही वहां अतिक्रमण करने वालों की सूची तैयार की जा रही है। ताकि एक साथ सभी 14 अंचल में अभियान चलाकर तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराया जा सके। बीडीओ तथा सीओ को तालाबों पर से अतिक्रमण हटाने का कार्य समन्वय बनाकर करने को कहा गया है। तालाबों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के बाद उनका विकास कर उन्हें पुराने स्वरूप में लौटाया जाएगा।
पुराने जल स्त्रोत से मिलाए जाएंगे नाले:
इस अभियान के तहत नालों की भी सफाई की जाएगी। तमाम नालों को पुराने जल स्त्रोत से मिलाया जाएगा। ताकि नाले से निकलने वाले पानी को एक स्थान पर इकट्ठा हो सके। इसके अलावा इसके तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने के साथ ही उन्हें गहरा किया जाएगा। अतिक्रमण के कारण तालाबों की गहराई भी कम हो गई है। ऐसे में इन्हें और गहरा किए जाने से इसमें सालों भर पानी रहेगा।
[the_ad id=”11213″]
सोख्ता का निर्माण भी इस अभियान की कड़ी
गोपालगंज : बारिश के पानी को जमीन के अंदर पहुंचाने के लिए सोख्ता का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। सोख्ता का निर्माण भी इसी अभियान की कड़ी है। ताकि बारिश के पानी को दोबारा जमीन के अंदर पहुंचाकर जलस्तर को नीचे जाने से रोका जा सके। इसके लिए मकानों पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को भी कड़ाई से लागू करने की पहल प्रारंभ की गई है।
[the_ad id=”10743″]
अभी काफी कार्य किया जाना शेष
गोपालगंज : भले ही तालाबों को उनके पुराने स्वरूप में लौटाने की कवायद प्रारंभ की गई है। लेकिन इस दिशा में अभी काफी कुछ किया जाना शेष है। इसके लिए चिन्हित किए गए तालाब के अतिक्रमणकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जरुरत है। तालाबों पर अतिक्रमण करने वालो में कई दबंग किस्म के लोग भी शामिल हैं।