बात 11 मई की ही है। बरौली में तार टूटने से बिजली की सप्लाई बाधित हो गई थी। ग्रामीणों ने तार ठीक करने के लिए पावर सब स्टेशन से संपर्क किया। पर तार ठीक करने कोई नहीं पहुंचा। हार कर ग्रामीणों ने एक प्राइवेट लाइनमैन को बुलाया। शीतलपुर गांव निवासी यह युवक पोल पर चढ़ा ही था कि बिजली की सप्लाई शुरू कर दी गई और देखते ही देखते करंट लगने से इस युवक की मौत हो गई। यह घटना तो मात्र उदाहरण है। जिले में तार ठीक करने के दौरान बीते एक साल में पांच प्राइवेट लाइनमैन की करंट लगने से मौत हो चुकी है। भारी भरकम बिजली का बिल चुकाने के बाद भी मेटिनेंस के प्रति उदासीनता बदलने की कीमत यहां के लोग चुका रहे हैं।
शहर से लेकर गांवों में लगाए गए बिजली के पोल तथा तार की दशा जर्जर हो गई है। इन्हीं जर्जर तार के सहारे बिजली की सप्लाई की जा रही है। जिससे कहीं तार टूटकर गिरने से फसल जले तो कहीं घर। कहीं करंट की चपेट में आने से किसी की मौत हुई तो कहीं इसकी चपेट में आने से कोई व्यक्ति ¨जदगी भर के लिए अपंग हो गया। ऐसा तब है जबकि जर्जर तार को ठीक करने की जिम्मेदारी सरकार ने नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को दिया है। बिजली की आपूर्ति करने के साथ ही तारों को ठीक करने की जिम्मेदारी भी इसी कंपनी को है। लेकिन इस जिले में जर्जर तारों को ठीक करने के प्रति कंपनी उदासीन बनी हुई है। तार टूटने पर लोग खुद अपने खर्चे पर प्राइवेट लाइनमैन बुलाकर उसे ठीक कराते हैं। इसकी कीमत पोल पर चढ़ कर तार ठीक कर रहे लाइनमैन को आनी जान देकर चुकानी पड़ती है।
बिजली बिल में भी होती है गड़बड़ी
बिजली बिल में गड़बड़ी करने की शिकायत हमेशा उपभोक्ता करते हैं। बिजली में हुई गड़बड़ी ठीक करने के लिए लोगों को बिजली विभाग का चक्कर लगाना पड़ता है। इसके बाद भी बिल में हुई गड़बड़ी को ठीक करने के प्रति उदासीनता बरती जाती है। आंकड़े बताते हैं कि बिजली बिल में गड़बड़ी को लेकर बीते एक साल में उपभोक्ता फोरम में डेढ़ सौ मामले दर्ज किए गए। इन मामले में अधिकांश में बिल में गड़बड़ी को लेकर विद्युत विभाग के पदाधिकारियों पर उपभोक्ता फोरम ने जुर्माना लगाया है।
बिजली की सप्लाई के किसी भी तरह की खराबी आने पर उसे ठीक कराया जाता है। टूटे तारों को भी ठीक कराया जाता है। बिजली बिल में गड़बड़ी की शिकायत मिलने पर उसे ठीक किया जाता है। पूरी कोशिश होती है कि उपभोक्ताओं को बिजली से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना न करना पड़े।
सौरभ कुमार, कार्यपालक अभियंता, विद्युत आपूर्ति