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बैकुंठपुर : छह दिनों से लापता बच्चे का शव पोखरा से बरामद

बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के हमीदपुर गांव से छह दिनों से लापता बच्चे का मंगलवार की सुबह हमीदपुर मोड़ स्थित पोखरे से शव बरामद किया गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। बच्चे का शव बरामद होने के बाद पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया। स्वजनों के चित्कार से उन्हें ढांढस बंधा रहे ग्रामीणों की आंखें भी नम हो गई। पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है।

बताया जाता है कि हमीदपुर गांव निवासी अनवर आलम का पुत्र सात वर्षीय अफरोज आलम उर्फ जुम्माद्दीन बीते 16 जनवरी को दोपहर समय हमीदपुर मोड़ पर अंडा खरीदने गया था, लेकिन इसके बाद वह घर नहीं लौटा। शाम तक बच्चे के घर नहीं लौटने पर परिजनों की चिंता बढ़ गई। परिजन खोजबीन करने लगे। लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। बच्चे के लापता होने के दूसरे दिन हमीदपुर मोड़ से करीब सौ मीटर की दूरी पर स्थित पोखरे में ग्रामीणों ने बच्चे की चप्पल देखा। ग्रामीणों से सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे अंचल पदाधिकारी पंकज कुमार, थानाध्यक्ष अमितेश, एसआइ रियाज हुसैन ने गोताखोरों को बुलाकर पोखरे में बच्चे की तलाश कराई। लेकिन बच्चा नहीं मिला। इसके बाद पिता ने पुत्र की गुमशुदगी को लेकर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। स्वजन बच्चे के बारे में आस-पास के गांवों में पता लगाने के साथ-साथ सोशल मीडिया पर भी लापता मासूम का फोटो वायरल कर बच्चे के बारे में जानकारी देने के लिए लोगों से गुहार लगाते रहे। स्थानीय प्रशासन भी नाव व गोताखोरों की मदद से पोखरे में बच्चे की तलाश करने में जुटा रहा। इसी बीच मंगलवार की सुबह लापता बच्चे का शव पोखरे में देखा। मौके पर पहुंची पुलिस ने बच्चे के शव को पोखरे से निकलवा कर उसे पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। लापता बच्चे का शव मिलने के बाद पूरे गांव का माहौल गमगीन हो गया है। बच्चे की मां तैमूल नेशा तथा दादी ऐनुल बीबी बार-बार बेहोश हो जा रही थीं। पिता अनवर आलम व बाबा नथुनी मियां को लोग ढांढस बंधा रहे थे।
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कक्षा तीन में पढ़ता था अफरोज:
अफरोज की मौत से उसके पिता अनवर आलम के अरमानों पर भी पानी फिर गया। अफरोज गांव में स्थित उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में कक्षा तीन में पढ़ता था। प्रधानाचार्य जगलाल शर्मा ने बताया कि अफरोज तेज तर्रार छात्रों में से एक था। उसके माता-पिता को इसके पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी मिलने की उम्मीद थी। अपने तीन भाई बहनों में अफरोज सबसे बड़ा था। उससे छोटी दो वर्षीय शबाना परवीन व सबसे छोटा एक वर्षीय भाई एहसान अली है।