कोरोना को दें मिलकर मात, परिवार के सभी लोग बढ़ाएं हाथ
• गर्भवती, धात्री माताएं, बुजुर्गों सहित बच्चों एवं किशोरों को सतर्क रहने की जरूरत
• यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ की संयुक्त मार्गदर्शिका में दी गयी जानकारी
• सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं का उठायें लाभ
गोपालगंज: कोरोना संक्रमण की रोकथाम में सरकार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है. एक तरफ जहाँ संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन एवं दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों एवं अन्य लोगों की घर वापसी जैसे अत्यंत जरुरी निर्णयों से सरकार ने कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ने की मंसा व्यक्त की है. तो वहीँ लॉकडाउन के कारण प्रभावित हुए प्रवासी कामगारों एवं गरीब परिवारों की आर्थिक मदद एवं उनके लिए खाद्य सामग्री की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रही है. इसी कड़ी में यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त मार्गदर्शिका जारी कर समाज के विशेष वर्गों(गर्भवती, धात्री माताएं, बुजुर्गों सहित बच्चों एवं किशोरों) को कोरोना काल में सतर्क रहने की जानकारी दी है.
गर्भवती महिला एवं धात्री माता रखें अपना ख्याल:
कोरोना के इस दौर में गर्भवती एवं धात्री माताओं को भी अधिक सचेत एवं सतर्क रहने की जरूरत है. इसके लिए गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक भोजन, समय से टीका, प्रसव पूर्व जांच एवं आराम का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी गयी है. वहीं धात्री माताओं को साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए मास्क पहनकर बच्चे को दूध पिलाने की बात बतायी गयी है.
किशोरी एवं बच्चे का करें अच्छे से देखभाल:
कोरोना के बढ़ते प्रसार के कारण बच्चे मानसिक रूप से परेशान हो सकते हैं. इसके लिए मार्गदर्शिका में बच्चों की बेहतर देखभाल करने की हिदायत दी गयी है. जिसमें माता-पिता को बच्चों को सरल भाषा में कोरोना बीमारी से बचने के उपायों को बताने, छोटे बच्चों के साथ हमेशा कोई बड़े व्यक्ति के साथ रहने एवं बच्चों को उनकी पढाई जारी रखने में सहयोग करने की बात बताई गयी है. वहीं किशोरियों को माहवारी के समय पैड या साफ़ कपडे इस्तेमाल करने की सलाह दी गयी है.
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बुजुर्गों एवं अन्य रोग ग्रसित लोगों को अधिक सावधान रहने की जरूरत:
60 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, ह्रदय रोग, उच्च रक्तचाप, किडनी की बीमारी, कैंसर या मधुमेह जैसी समस्याओं से ग्रसित लोगों को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. इन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दें एवं इनका विशेष रूप से अलग रहना सुनिश्चित करायें.
सरकारी योजनाओं एवं सुविधाओं का जरुर उठायें लाभ:
कोरोना के मद्देनजर सरकार ने प्रवासी कामगारों एवं गरीब परिवारों की आर्थिक मदद के साथ उनके लिए सरकारी योजनाओं के तहत खाद्य सामग्री भी उपलब्ध करा रही है. 1 मई से खाद्य पदार्थ वितरण के दौरान पुराने राशन कार्ड धारकों के साथ नए राशन कार्ड धारकों को भी राशन उपलब्ध कराया जा रहा है. जिसमें अंत्योदय कार्ड धारकों को 20 किलोग्राम गेहूं एवं 15 किलोग्राम चावल उपलब्ध होगा . अन्य श्रेणी के लाभार्थियों जैसे मनरेगा श्रमिक, पंजीकृत निर्माण श्रमिक, ठेला, खुमचा लगाने वाले, रिक्शा एवं ई-रिक्शा चालक आदि को 3 किलोग्राम गेहूं एवं 2 किलोग्राम चावल उपलब्ध होगा.
प्रवासियों को घर भेजे जाने से पहले उन्हें राशन किट दिए जाने का प्रावधान किया गया है, जिसमें उन्हें10 किलोग्राम गेहूं, 10 किलोग्राम चावल ,2 किलोग्राम दाल , 5 किलोग्राम आलू, 2 किलोग्राम भुने चने, 1 किलोग्राम नमक, 250 ग्राम पीसी हुयी हल्दी, 250 ग्राम पिसा हुआ धनिया, 250 ग्राम पिसा हुआ लाल मिर्च एवं 1 लीटर रिफाइंड एवं सरसों का तेल मिलेगा.
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आर्थिक मदद एवं आश्रय की व्यवस्था:
कोरोना संक्रमणकाल के मद्देनजर पंजीकृत श्रमिकों को सरकार की ओर से 1000 रूपये दिए जा रहे हैं. जिन श्रमिकों का पंजीकरण नहीं हुआ है, उनका पंजीकरण नगर निगम, नगर पंचायतों एवं बीडीओ द्वारा किया जाएगा. साथ ही लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों एवं प्रवासियों के लिए आश्रय की भी व्यवस्था की गयी है. जहाँ उनके लिए पर्याप्त भोजन, पेयजल, साफ़ शौचालय एवं अलग से बिस्तर एवं चिकित्सा की व्यवस्था है.