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स्वास्थ्य समाचार: "कोई बाहर से तो नहीं आया" घर घर जाकर पूछ रहीं आशा कार्यकर्ता!

 
• कोरोना वायरस के संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए आशा कर रही हैं निगरानी
• लाउड स्पीकर से गाँवों में दी जा रही कोरोना पर जानकारी
गोपालगंज । आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछ रही है, आपके घर कोई बाहर से तो नहीं आया। यदि आया है तो उनकी जांच कराएं। साथ ही आशाएं घर-घर जाकर बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक अलग रहने की बात भी बता रही हैं. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अब आशा कार्यकर्ताओं को गांव की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। शा कार्यकर्ताएं घर-घर पहुंचकर कोरोना वायरस के बचाव की जानकारी दे रही है। गांवों में बाहर से आने वाले नए सदस्यों की कोरोना की जांच कराई जा रही है। गांव में आने वाले लोगों को अलग ही रहने के लिए कहा जा रहा है। इसके साथ ही उनकी निरंतर निगरानी भी की जा रही है।
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कोरोना से बचाव के लिए लोगों से न मिलें:
गांव में लाउड स्पीकर्स के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा लोगों को रात के समय में भी गांव में न आने देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही यदि कोई बाहर से आता है तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दिए जाने की बात कही जा रही है। लोगों से मिलने-जुलने पर भी स्वयं को रोक लगाने के लिए कहा गया है।
शहरों से जो भी आपके गांव में पहुंचे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें सूचना:
बड़े शहरों में ड्राइवर, फैक्ट्री व अन्य जगहों पर रहकर काम करने वालों पर अब गांवों में भी सख्ती कर दी गई है। गांव में आने पर सबसे पहले संबंधित व्यक्तियों की स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना देकर जांच कराई जा रही है। इसके बाद संबंधितों को 14 दिनों तक परिवार के सदस्यों से दूर रहकर एक कमरे में बंद रहने के लिए कहा जा रहा है। जिले में कई मजदूर ऐसे हैं, जो ड्राइवर हैं, कंपनियों में बाहर रहकर काम करते हैं।
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और इधर… मुखिया से भी मदद:
गांव में बाहर से आने वाले लोग यदि अपनी जांच नहीं कराते हैं एवं बाहर घूमते हैं . तब उनपर सख्ती करने के लिए गांव के मुखिया की मदद ली जा रही है। साथ ही उन्हें उनके परिवार और गांव की सुरक्षा के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
कोविड-19 के संदेशों का प्रसार करेंगी:
सिविल सर्जन डॉ नन्दकिशोर प्रसाद ने बताया कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए समुदाय में कोविड-19 से संबंधित संदेशों का प्रसार करेंगी तथा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनकी निगरानी संकलन प्रपत्र में भरकर बीसीएम को उपलब्ध कराएंगी। आशा एवं आशा फैसिलिटेटर अपने दैनिक कार्यों के अतिरिक्त कार्य करेगी, जिसके लिए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को अप्रैल से जून 2020 के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा। क्षेत्र भ्रमण के दौरान मास्क, ग्लोब्स व कैप उपलब्ध कराया जाएगा ताकि संक्रमण स बचाव हो सके।
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आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछ रहीं- कोई बाहर से तो नहीं आया
• कोरोना वायरस के संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए आशा कर रही हैं निगरानी
• लाउड स्पीकर से गाँवों में दी जा रही कोरोना पर जानकारी
गोपालगंज । आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछ रही है, आपके घर कोई बाहर से तो नहीं आया। यदि आया है तो उनकी जांच कराएं। साथ ही आशाएं घर-घर जाकर बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक अलग रहने की बात भी बता रही हैं. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अब आशा कार्यकर्ताओं को गांव की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। शा कार्यकर्ताएं घर-घर पहुंचकर कोरोना वायरस के बचाव की जानकारी दे रही है। गांवों में बाहर से आने वाले नए सदस्यों की कोरोना की जांच कराई जा रही है। गांव में आने वाले लोगों को अलग ही रहने के लिए कहा जा रहा है। इसके साथ ही उनकी निरंतर निगरानी भी की जा रही है।
कोरोना से बचाव के लिए लोगों से न मिलें:
गांव में लाउड स्पीकर्स के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा लोगों को रात के समय में भी गांव में न आने देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही यदि कोई बाहर से आता है तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दिए जाने की बात कही जा रही है। लोगों से मिलने-जुलने पर भी स्वयं को रोक लगाने के लिए कहा गया है।
शहरों से जो भी आपके गांव में पहुंचे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें सूचना:
बड़े शहरों में ड्राइवर, फैक्ट्री व अन्य जगहों पर रहकर काम करने वालों पर अब गांवों में भी सख्ती कर दी गई है। गांव में आने पर सबसे पहले संबंधित व्यक्तियों की स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना देकर जांच कराई जा रही है। इसके बाद संबंधितों को 14 दिनों तक परिवार के सदस्यों से दूर रहकर एक कमरे में बंद रहने के लिए कहा जा रहा है। जिले में कई मजदूर ऐसे हैं, जो ड्राइवर हैं, कंपनियों में बाहर रहकर काम करते हैं।
और इधर… मुखिया से भी मदद:
गांव में बाहर से आने वाले लोग यदि अपनी जांच नहीं कराते हैं एवं बाहर घूमते हैं . तब उनपर सख्ती करने के लिए गांव के मुखिया की मदद ली जा रही है। साथ ही उन्हें उनके परिवार और गांव की सुरक्षा के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
कोविड-19 के संदेशों का प्रसार करेंगी:
सिविल सर्जन डॉ नन्दकिशोर प्रसाद ने बताया कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए समुदाय में कोविड-19 से संबंधित संदेशों का प्रसार करेंगी तथा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनकी निगरानी संकलन प्रपत्र में भरकर बीसीएम को उपलब्ध कराएंगी। आशा एवं आशा फैसिलिटेटर अपने दैनिक कार्यों के अतिरिक्त कार्य करेगी, जिसके लिए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को अप्रैल से जून 2020 के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा। क्षेत्र भ्रमण के दौरान मास्क, ग्लोब्स व कैप उपलब्ध कराया जाएगा ताकि संक्रमण स बचाव हो सके।
आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछ रहीं- कोई बाहर से तो नहीं आया
• कोरोना वायरस के संक्रमण से गांवों को बचाने के लिए आशा कर रही हैं निगरानी
• लाउड स्पीकर से गाँवों में दी जा रही कोरोना पर जानकारी
गोपालगंज । आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर पूछ रही है, आपके घर कोई बाहर से तो नहीं आया। यदि आया है तो उनकी जांच कराएं। साथ ही आशाएं घर-घर जाकर बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिनों तक अलग रहने की बात भी बता रही हैं. कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए अब आशा कार्यकर्ताओं को गांव की सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई है। शा कार्यकर्ताएं घर-घर पहुंचकर कोरोना वायरस के बचाव की जानकारी दे रही है। गांवों में बाहर से आने वाले नए सदस्यों की कोरोना की जांच कराई जा रही है। गांव में आने वाले लोगों को अलग ही रहने के लिए कहा जा रहा है। इसके साथ ही उनकी निरंतर निगरानी भी की जा रही है।
कोरोना से बचाव के लिए लोगों से न मिलें:
गांव में लाउड स्पीकर्स के माध्यम से लोगों को कोरोना वायरस बीमारी की जानकारी दी जा रही है। इसके अलावा लोगों को रात के समय में भी गांव में न आने देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही यदि कोई बाहर से आता है तो उसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दिए जाने की बात कही जा रही है। लोगों से मिलने-जुलने पर भी स्वयं को रोक लगाने के लिए कहा गया है।
शहरों से जो भी आपके गांव में पहुंचे तुरंत स्वास्थ्य विभाग को दें सूचना:
बड़े शहरों में ड्राइवर, फैक्ट्री व अन्य जगहों पर रहकर काम करने वालों पर अब गांवों में भी सख्ती कर दी गई है। गांव में आने पर सबसे पहले संबंधित व्यक्तियों की स्वास्थ्य विभाग की टीम को सूचना देकर जांच कराई जा रही है। इसके बाद संबंधितों को 14 दिनों तक परिवार के सदस्यों से दूर रहकर एक कमरे में बंद रहने के लिए कहा जा रहा है। जिले में कई मजदूर ऐसे हैं, जो ड्राइवर हैं, कंपनियों में बाहर रहकर काम करते हैं।
और इधर… मुखिया से भी मदद:
गांव में बाहर से आने वाले लोग यदि अपनी जांच नहीं कराते हैं एवं बाहर घूमते हैं . तब उनपर सख्ती करने के लिए गांव के मुखिया की मदद ली जा रही है। साथ ही उन्हें उनके परिवार और गांव की सुरक्षा के लिए प्रेरित भी किया जा रहा है।
कोविड-19 के संदेशों का प्रसार करेंगी:
सिविल सर्जन डॉ नन्दकिशोर प्रसाद ने बताया कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए समुदाय में कोविड-19 से संबंधित संदेशों का प्रसार करेंगी तथा संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर उनकी निगरानी संकलन प्रपत्र में भरकर बीसीएम को उपलब्ध कराएंगी। आशा एवं आशा फैसिलिटेटर अपने दैनिक कार्यों के अतिरिक्त कार्य करेगी, जिसके लिए आशा एवं आशा फैसिलिटेटर को अप्रैल से जून 2020 के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि का भी भुगतान किया जाएगा। क्षेत्र भ्रमण के दौरान मास्क, ग्लोब्स व कैप उपलब्ध कराया जाएगा ताकि संक्रमण स बचाव हो सके।