बरौली प्रखंड के सदौवा तथा रामपुर पंचायत की बदहाल सड़कें इस पंचायत के ग्रामीणों की समस्याएं बढ़ा रही है। इस पंचायत के अधिकांश गांवों की सड़क बाढ़ में कट गई थीं। लेकिन डेढ़ साल बाद भी सड़कों की दशा ठीक नहीं की गई। सड़क के साथ ही इस पंचायत में जलजमाव की भी समस्या बनी हुई है। बाढ़ में ध्वस्त नालियों को अब तक ठीक नहीं कराए जाने से रास्ते से लेकर गांव में जगह-जगह जलजमाव बना रहता है। हालांकि इस पंचायत के सभी गांवों में बिजली पहुंच गई है। बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल भी और आंगनबाड़ी केंद्र भी। एक स्वास्थ्य उपकेंद्र भी है। लेकिन इस स्वास्थ्य उपकेंद्र अक्सर ताला लटका रहता है।
प्रखंड मुख्यालय से दस किलोमीटर उत्तर दिशा में बढ़ने पर सदौवा पंचायत की सीमा शुरू हो जाती है। इस पंचायत का मुख्य गांव सदौवा सारण तटबंध के किनारे बसा है। बरौली-सदौवा पथ प्रखंड मुख्यालय से इस पंचायत को जोड़ती है। मुख्य सड़क की दशा ठीक है। लेकिन मुख्य सड़क को छोड़ते की इस पंचायत के गांवों की सड़कें विकास का हाल बताने लगती है। इस पंचायत के सदौवा, धोबी टोला, मलाही टोला, मुंशी टोला आदि गांवों की सड़क की दशा अब चलने लायक नहीं है। ग्रामीण बताते हैं कि साल 2017 में सारण मुख्य तटबंध टूटने से आई विनाशकारी बाढ़ को असर इस पंचायत में काफी पड़ा था। बाढ़ में सड़क से लेकर नालियां टूट गईं। बाढ़ के डेढ़ साल भी सड़कों की दशा ठीक नहीं कराई गई। गांव में रास्ते पर की गई सो¨लग उखड़ी पड़ी है। गांव से मुख्य सड़क तब जाने में ग्रामीणों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। यही हाल जलनिकासी का है। बाढ़ में ध्वस्त नालियां ठीक नहीं कराए जाने से रास्ते किनारे से लेकर गांव में जगह-जगह हमेशा जलजमाव रहता है। हालांकि इस पंचायत में बच्चों को पढ़ने के लिए एक मिडिल स्कूल तथा पांच प्राथमिक स्कूल है। छह आंगनबाड़ी केंद्र भी है। लेकिन दो आंगनबाड़ी केंद्र के पास ही अपना भवन है। इस पंचायत में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र भी ग्रामीण बताते हैं कि यह स्वास्थ्य उप केंद्र कभी कभार ही खुलता है। अक्सर इस पर ताला लटका रहता है। किसी के बीमार पड़ने पर इलाज के लिए उसे दस किलोमीटर दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाना पड़ता है। राशन को लेकर भी इस पंचायत के लोगों की शिकायत है। ग्रामीण बताते हैं खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सूची में नाम होने के बाद भी बहुत से लोगों को राशन कार्ड नहीं दिया गया है। जिससे उन्हें राशन नहीं मिल पाता है। प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ से भी अभी बहुत से गरीब वंचित हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण
सदौवा में सड़क की दशा काफी खराब है। बाढ़ में टूट गई सड़क को अब तक ठीक नहीं किया गया है। पैदल चलकर मुख्य सड़क पर आना जाना पड़ताल है।
मिट्ठू राय
इस पंचायत की सबसे बढ़ी समस्या सड़क की बदहाली है। गांव की सड़कें चलने लायक नहीं है। सड़क की दशा ठीक करने की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मनोज सिंह
विकास के नाम पर कोई काम नहीं किया जा रहा है। सदौवा गांव की सड़क चलने लायक नहीं है। ग्रामीणों को गांव में आने जाने के लिए परेशानी झेलनी पड़ रही है।
रफीक आलम
सरकार गांव गांव का विकास कर रही है। लेकिन इस पंचायत में अभी विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया है। सड़क की समस्या सबसे गंभीर है। सड़कों की दशा काफी खराब हो गई है।
रंजन सिंह
क्या कहते हैं मुखिया
इस पंचायत में बाढ़ का काफी असर पड़ा था। सड़क तथा नालियां टूट गई थी। सड़क तथा नाली की दशा ठीक कराने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। राशि आवंटित होते ही सड़क तथा नालियों को ठीक करने का काम शुरू हो जाएगा।
पंकज कुमार प्रसाद, मुखिया, सदौवा पंचायत
सड़क तथा नाली की दशा ठीक कराने के लिए योजना तैयार कर ली गई है। राशि आवंटित होते ही सड़क तथा नालियों को ठीक करने का काम शुरू हो जाएगा।
बीरेंद्र सिंह, मुखिया, रामपुर पंचायत