जिले के पुलिस लाइन स्थित बैरक की स्थिति बद से बदतर है लेकिन इसकी सुध लेने की परवाह किसी को नहीं है. क्षेत्र की कानून और सुरक्षा की दिन रात जिम्मेदारी ढोने वाले पुलिसकर्मी आवासों की कमी के चलते जर्जर भवन में खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हैं.
जिले के 25 लाख 62 हजार लोगों की सुरक्षा के जिम्मेदारी इन पुलिस कर्मियों के कंधों पर है. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि रात दिन अपराधियों से लोहा लेने वाले ये पुलिसकर्मी खुद दहशत और बदहाली में जीने को विवश हैं. ये जवान भवन में भेड़ बकरियों की तरह जाड़ा गर्मी या बरसात में सोने को मजबूर होते हैं. यहां के आवास जर्जर हो चुके हैं. यहां पीने के पानी तक की भारी किल्लत है.
शौचालय तक की सुविधा तक का है अभाव
यहां कुल चार सौ पुलिसकर्मी रहते हैं. इन चार सौ पुलिस कर्मियों को मूलभूत सुविधाओं आवास के अलावे शौचालय और बाथरूम की पर्याप्त सुविधा भी नसीब नहीं है। यहीं वजह है कि हर मौसम में पुलिसकर्मियों को सुरक्षित भवन की कमी के चलते परेशानी बनी रहती है. परिवार को साथ रखने की चाह रखने वाले जवानों को आवास उपलब्ध नहीं होने की वजह से परिवार और बच्चों को घरों पर ही छोड़ना पड़ता है.
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यहां बरसात में छत से पानी टपकता है. ठंड के दिनों में टूटी हुई खिड़कियों से सर्द हवा आती है. गर्मी के दिनों में लू के थपेड़े तथा बारिश के मौसम में जलजमाव व छत से पानी टपकने की समस्याओं को झेलना इनकी नियती बन चुकी है. जर्जर हुए इस बैरक के छत आये दिन टूट कर गिरते रहने हैं. कब बड़ी दुर्घटना हो जाये कहा नहीं जा सकता. अब जिनके हाथों में सुरक्षा की जिम्मेदारी है वहीं, अपने आपको असुरक्षित महसूस करे तो हमारी सुरक्षा कौन करेगा यह एक सवालिया निशान है.
पांच दशक से नहीं हुई है भवन की मरम्मत
विगत 48 वर्षों से पुलिस लाइन में बने भवनों का मरम्मत नहीं हुई है, जिससे यह स्थिति बनी हुई है. पुलिस कर्मियों ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कई बुनियादी सुविधाओं का अभाव बताया. पुलिसकर्मियों ने अधिकांश भवन को बदहाल बताते हुए कहा कि पुराना भवन किसी भी मौसम में रहने के लिए उपयुक्त नहीं है. बारिश का पानी बैरक में घुस जाने से घुटने तक पानी लग जाता है. ऊपर से लगातार पानी टपकने से कपड़ों के साथ-साथ कई आवश्यक सामान भींगकर बर्बाद हो जाते हैं. यहा जलजमाव व गंदगी पसरा रहती है जिससे कई तरह की बीमारियां उत्पन्न हो जाती हैं.
पुलिसकर्मियों ने बताया कि बारिश आने पर मैगजीन गार्ड में पानी घुस जाने से उसमें रखे हथियार में जंग लग जाते हैं. हथियार वर्क शॉप भी काम नहीं करता जिससे हथियार की सफाइ नहीं हो पाती है. अगर ऐसे में कोई अपराधी आपराधिक गतिविधियां अपना दे तो फिर ये मोर्चा कैसे सम्भाल पाएंगे.
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