थाना क्षेत्र के लाइन बाजार-थावे मुख्य पथ पर स्थित जमसड़ी गांव में आयोजित अखाड़ा में पथराव के बाद तनाव की स्थित पैदा हो गई। इस घटना में डेढ़ दर्जन लोग घायल हो गए। जिनमें दो ही हालत गंभीर बनी हुई है। घटना के बाद स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। जिसके बाद गांव में शांति का माहौल कायम हुआ। पुलिस मौके पर कैंप कर रही है।
जानकारी के अनुसार जमसड़ी गांव के ग्रामीण अपने गांव के मुख्य पथ पर मंगलवार की सुबह जुलूस घुमा रहे थे। बताया जाता है कि जैसे ही जुलूस लुहसी गांव के समीप मुख्य पथ पर पहुंचा अखाड़ा को साइड देने का विवाद शुरू हो गया। विवाद बढ़ने के बाद दोनों ओर से ग्रामीण अचानक उग्र हो गए तथा एक दूसरे पर रोड़ेबाजी करने लगे। इस घटना में जमसडी गांव के मैनेजर चौधरी की पत्नी, हरीचरण सिंह, मोहन सिंह के पुत्र नीतीश कुमार, सरल यादव के पुत्र सोनू यादव, लुहसी गांव का स्वामीनाथ यादव के पुत्र कंगालू कुमार, विशाल कुमार सहित लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक लोग जख्मी हो गए। घायल लोगों को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल लोगों में कंगालू कुमार तथा मैनेजर चौधरी की पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है। उधर घटना की सूचना मिलने के बाद एसडीओ अनिल कुमार रमन, एसडीपीओ अशोक चौधरी, इंस्पेक्टर अरुण मालाकार, थानाध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह, बीडीओ संदीप सौरभ, सीओ रामबचन राम के साथ मौके पर पहुंच गए तथा उग्र लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण शांत नहीं हुए। आखिरकार पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। घटना के बाद पुलिस गांव में कैंप कर रही है।
जमसड़ी और लुहसी से पांच वर्ष पूर्व भी हुआ था विवाद:
थाना क्षेत्र के अरना बाजार में प्रतिवर्ष की भांति आयोजित होने वाले अखाड़ा के दौरान 5 वर्ष पूर्व भी जमसड़ी गांव का अखाड़ा अरना बाजार जाने के क्रम में लुहसी गांव के अखाड़ा जुलूस से विवाद हो चुका है। जिसमें जमकर हुए मारपीट और पथराव के बाद जमसड़ी गांव का अखाड़ा का जुलूस अरना बाजार जाना बंद हो गया था। पांच वर्ष पूर्व हुई घटना के बाद जमसड़ी गांव के ग्रामीण उसी तिथि को अपने ही गांव में महावीरी अखाड़ा मेला लगाने लगे थे। लेकिन पांच साल बाद फिर अखाड़ा का जुलूस घुमाने के दौरान मंगलवार को फिर पुरानी कहानी दोहराई गई।