शहर के चर्चित मार्बल व्यवसायी रवि प्रकाश उर्फ शिपू हत्याकांड में पुलिस ने पांच दिन बाद नया खुलासा किया है. नगर थाना के बसडिला गांव में परिजनों से पूछताछ करने पहुंची पुलिस को कई साक्ष्य मिले हैं. मृतक व्यवसायी की पत्नी रश्मि देवी ने कहा कि वारदात के दिन शिपू की जानकारी के लिए 17 बार कॉल की थी. बार-बार कॉल करने के बाद भी वार्ड पार्षद राजेंद्र कुमार गुमराह करता था. पीड़ित पत्नी के मुताबिक हत्या के लिए साजिश पहले से रची गयी थी. शिपू से दुश्मनी क्या थी, इसका खुलासा नहीं हो पा रहा है.
उधर, परिजनों से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने फरार आरोपितों को जल्द ही गिरफ्तार कर न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. हत्याकांड में संलिप्त वार्ड पार्षद राजेंद्र कुमार व बसडिला निवासी सरफराज अहमद जेल में है. जबकि हत्याकांड में संलिप्त मुख्य आरोपित पेट्रोल पंप का मैनेजर गुड्डु सिंह, पंप ऑपरेटर संजय सिंह, नोजल मैन सत्येंद्र यादव तथा सहायक मैनेजर ओमप्रकाश सिंह का सुराग अबतक पुलिस को नहीं मिला है.
वारंट के लिए कोर्ट पहुंची पुलिस : हत्याकांड में फरार आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर मंगलवार को कांड के आईओ नगर इंस्पेक्टर संजय कुमार ने वारंट के लिए अर्जी दी. मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद पुलिस इश्तिहार और कुर्की की कार्रवाई कर सकती है. हत्याकांड में दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज हुआ था. दूसरे प्राथमिकी में पंप संचालक को भी पुलिस ने शराब बरामदगी होने के मामले में आरोपित बनाया था.
पांच ठिकानों पर पुलिस का छापा
पुलिस अधीक्षक मृत्युंजय कुमार चौधरी के निर्देश पर गठित एसआइटी ने सोमवार की रात पांच ठिकानों पर छापेमारी की. मांझा के कोईनी, पैठानपट्टी, बसडिला के अलावा दूसरे जिलों में भी पुलिस ने छापेमारी की. पुलिस की पहरेदारी मंगलवार को समाहरणालय पथ पर भी थी. पुलिस को आशंका है कि मुख्य आरोपित गुड्डु सिंह दबाव पड़ने के कारण सरेंडर भी कर सकता है.
29 नवंबर को हुई थी शिपू की हत्या
नगर थाना के बसडिला निवासी व तिरुपति एजेंसी के संचालक रवि प्रकाश उर्फ शिपू कुमार की गत 29 नवंबर की रात में नगर थाना के बंजारी स्थित सिंहासिनी पेट्रोल पंप पर गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी. वारदात के बाद आरोपितों ने पुलिस लाइन के पीछे काली स्थान रोड में कार में शव को रखकर आरोपित फरार हो गये थे. मृतक कारोबारी शहर के सरेया वार्ड संख्या चार में रहते थे.
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