गोपालगंज में पैक्स (Pacs) और व्यापार मंडल की मिलीभगत से बड़ी रकम का घोटाला करने का मामला प्रकाश में आया है. मामला जिले के कटेया प्रखंड के बेलही खास पैक्स और व्यापार मंडल से जुड़ा है जहां बड़े पैमाने पर धान और गेहूं खरीद में अनियमितता बरती गई. यहां पर वैसे ग्रामीणों के नाम पर धान की खरीद की गई है, जिनके पास न तो जमीन है और न ही रहने के लिए पक्का का मकान. ऐसे लोगों के नाम पर पैक्स प्रबंधन के द्वारा हजारों क्विंटल धान की खरीद की गई और लाखों रूपये का उठाव भी कर लिया गया.
जानकारी के मुताबिक बेलही खास पंचायत के मोहनपुर गांव के निवासी गया बैठा के पास महज दो या तीन कट्ठा जमीन का टुकड़ा है.
इसी जमीन पर वो झोपड़ी बनाकर रहते हैं, लेकिन गया बैठा के नाम पर बेलही खास पैक्स में 68 क्विंटल धान की खरीद की गई. धान की खरीद के बदले उनके खाते में करीब 1 लाख रुप भेजे गए. गया बैठा के मुताबिक वह पैसा उन्हें नहीं मिला.
पैक्स मैनेजर ने खाते से पैसा निकाल भी लिया
पैक्स के मैनेजर ने उनके खाते से पैसे का उठाव कर लिया, ऐसे में अब बड़ा सवाल है कि भूमिहीन गया बैठा के नाम पर कैसे 68 क्विंटल धान की खरीद की जा सकती है. बेलही खास पंचायत के मोहनपुर गांव के गया बैठा कोई अकेले किसान नहीं हैं, बल्कि इनकी तरह दर्जनों किसान इस गांव के ऐसे हैं जिनके पास खेती करने के लिए जमीन नहीं है, बावजूद इसके ऐसे लोगों के नाम पर हजारो क्विंटल धान खरीद कर ली गई.
मात्र 3 बीघा जमीन वाले किसान के नाम पर 98 क्विंटल धान खरीद
मोहनपुर गांव के सत्यनारायण भगत के मुताबिक उनके पास महज में 3 बीघा जमीन है. उन्होंने इस जमीन पर धान उपज नहीं किया लेकिन उनके नाम पर भी वर्ष 2020 में 98 क्विंटल धान की खरीद का ब्यौरा सौंपा गया है. उनके खाते में 1 लाख 38 हजार रुप भेजे गए. उनकी असहमति के बाद भी बैंक प्रबंधक और पैक्स प्रबंधन के मिलीभगत से पूरे पैसे का उठाव कर लिया गया.
शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं
सत्यनारायण भगत ने इस को लेकर जिला प्रशासन और विभाग को पत्र लिखा और जांच की मांग की बावजूद इसके अब तक कोई करवाई हो सकी है. बेलही खास पैक्स के अध्यक्ष सतेंद्र तिवारी और उनके बेटे आलोक तिवारी पैक्स के मैनेजर हैं.
गड़बड़ी से इंकार, बोले-कभी भी जांच करा लो
पैक्स मैनेजर आलोक तिवारी के बड़े भाई अतुल तिवारी के मुताबिक यह सभी आरोप बेबुनियाद हैं. पैक्स के द्वारा किसी भी तरह का धान और गेहूं की खरीद में गड़बड़ी नही की गई है. चुनाव से पहले उनके ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए जा रहे हैं. यहां पर सहकारिता विभाग के नियमावली के तहत ही धान की खरीद की गई है, जिसकी जांच कभी भी कराई जा सकती है.
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