पहले चार प्रखंडों में आई विनाशकारी बाढ़ और अब सरकारी व्यवस्था की मार किसानों पर पड़ रही है। बाढ़ से जिन इलाकों में धान की फसल बच गई, उन इलाकों के किसान अब धान बेचने को लेकर मारे-मारे फिर रहे हैं। किसानों की धान उनके घर की डेहरी में फंस गई है।। किसान धान क्रय केंद्रों को खुलने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकारी एजेंसियों की सुस्ती का आलम यह है कि अब तक धान क्रय केंद्र खुल नहीं सके हैं। ऐसे में किसान औने-पौने दाम में बाजार में धान बेच रहे हैं। किसानों के बीच धान का सरकारी स्तर पर खरीदारी को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है। किसान धान क्रय को लेकर प्रशासनिक तैयारियों पर सवार उठा रहे हैं। किसान पैक्सों पर धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। लेकिन, खरीदारी शुरू नहीं होने से उन्हें बैरंग घर लौटने को विवश होना पड़ रहा है।
सरकार ने एमएसपी ग्रेड एक धान का 1888 रुपये प्रति क्विटल तथा अन्य धान की कीमत 1868 रुपये निर्धारित किया है। सरकार से निर्देश मिलने के बाद जिले में धान की खरीदारी के लिए सहकारिता विभाग ने अब तक 76 पैक्सों को चिन्हित किया है। लेकिन, अब तक किसी भी पैक्स पर धान की खरीदारी शुरू नहीं हुई है। इधर, धान की कटनी के बाद रबी फसलों की खेती के लिए किसानों को पूंजी की जरूरत है। लेकिन, सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसान अपना धान बेचने के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। किसान बिचौलियों के माध्यम से बाजार में अपना धान बेच रहे हैं। किसानों को बाजारों में एक हजार रुपये से लेकर 1200 रुपये क्विटल अपना धान बेचना पड़ रहा है। कटेया के किसान सुधाकर चौबे, कुचायकोट के किसान अवधेश राय, जादोपुर निवासी किसान सुभाष यादव आदि कहते हैं कि पैक्सों पर धान की खरीदारी नहीं होने से काफी परेशानी हो रही है। इस समय रबी की फसल की बुआई सहित अन्य कार्यों को लेकर किसानों को पैसे की जरूरत है। धान डेहरी में पड़ा हुआ है। लेकिन, उसे उचित कीमत पर किसान बेच नहीं पा रहे हैं। जरूरत के कारण किसानों को बाजार में काफी कम कीमत पर धान बेचना पड़ रहा है। इसके बाद भी व्यवसायी किसानों को उनके धान के लिए आधा पैसा देकर बाकि यह कह कर उधार लगा दे रहे हैं कि कुछ दिन बाद आकर पूरा पैसा ले जाइएगा। वे कहते हैं कि सरकारी स्तर पर धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से बाजार में व्यवसायी भी धान की कीमत देने में मनमानी कर रहे हैं। परेशान किसान धान का सरकारी स्तर पर खरीदारी शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
“धान की खरीदारी करने के लिए कुछ पैक्सों को चिन्हित किया गया है। धान की खरीदारी शुरू होने में अभी देर होने की संभावना है। धान में नमी अधिक होने के कारण खरीदारी अभी संभव नहीं हो पा रही है।”
आरएन पाण्डेय, जिला सहकारिता पदाधिकारी, गोपालगंज।
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