मौसम विभाग की चेतावनी और नेपाल के विभिन्न बराजों से साढ़े तीन से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने को लेकर गोपालगंज और सारण जिले में अलर्ट जारी कर दिया गया है. दोनों जिलाधिकारियों ने आपात बैठक बुलायी. गोपालगंज के जिलाधिकारी ने गंडक नदी में डिस्चार्ज बढ़ने को लेकर सारण तटबंध के अंदर बसे लोगों से बाढ़ राहत शिवर में आने की अपील की. वहीं, सारण के जिलाधिकारी ने गंडक के किनारे स्थित अंचलों में विशेष निगरानी व सतर्कता बरतने का निर्देश सभी प्रखंडों के सीओ को दिया है.
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सारण तटबंध के अंदर बसे लोगों से बाढ़ राहत शिविर में आने की अपील
वाल्मीकिनगर बराज से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी गंडक नदी में डिस्चार्ज किये जाने की संभावना पर सोमवार की शाम जिलाधिकारी अरशद अजीज ने अधिकारियों की आपात बैठक बुलायी. कलेक्ट्रेट में बैठक करने के बाद जिलाधिकारी ने सारण तटबंध के अंदर बसे गांवों के सभी लोगों को बाहर निकाल कर बाढ़ राहत शिविर में आने की अपील की है.
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जिलाधिकारी अजीज ने कहा है कि गंडक नदी में पांच लाख क्यूसेक तक पानी आने की संभावना है. इससे गंडक के जलस्तर में दो से चार फुट पानी बढ़ सकता है. सोमवार की शाम तक नेपाल के नारायणी घाट पर चार लाख क्यूसेक तक डिस्चार्ज लेवल था, इसलिए मंगलवार की शाम तक गोपालगंज में गंडक नदी का जलस्तर साढ़े चार लाख से पांच लाख क्यूसेक तक पहुंचने की संभावना है.
उन्होंने बताया कि बचाव एवं राहत कार्य के लिए मोटरवोट और नाव के साथ टीम को बाढ़ग्रस्त इलाके में तैनात कर दिया गया है. एनडीआरएफ की एक टीम पहले से सदर प्रखंड के भितभेरवां में कैंप कर रही है, स्थिति को देखते हुए दूसरी एनडीआरएफ की टीम को बुला लिया गया है, जो सिधवलिया हाइस्कूल में कैंप करेगी. इसके साथ ही तटबंधों की सुरक्षा के लिए अभियंता प्रमुख और चीफ इंजीनियर टीम के साथ लगातार निगरानी रख रहे हैं.
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इधर, आरक्षी अधीक्षक मनोज कुमार तिवारी ने कहा कि तटबंधों की सुरक्षा में पुलिस बल और इलाके के थानाध्यक्षों को लगाया गया है. किसी तरह की सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करेगी. पुलिस के मुताबिक छरकी टूटने या क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में किसी तरह की परेशानी ना हो, इसलिए पुलिस मॉनिटरिंग करने के साथ बचाव एवं राहत कार्य में लगेगी.
सारण में गंडक किनारे के सात अंचलों में विशेष निगरानी का निर्देश
मौसम विभाग की चेतावनी और नेपाल के विभिन्न बराजों से साढ़े तीन से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण सारण में नदियों के जलस्तर में हो रही वृद्धि को ले जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट है. सारण के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने गंडक नदी के किनारे स्थित पानापुर, मशरक, तरैया, मकेर, परसा, दरियापुर और सोनपुर अंचलों में विशेष निगरानी व सतर्कता बरतने का निर्देश सभी प्रखंडों के सीओ को दिया है.
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डीएम ने कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण सह जल निसरण प्रमंडल, छपरा को निर्देश दिया है कि अपने सभी अभियंताओं को इन अंचलों के संभावित क्षेत्रों के पानापुर अंचल के सरौजा भगवानपुर, बसहियां, तरैया के चनचिलया, मकेर के बाघाकोल, परसा के बलिगांव, दरियापुर के सेमरा, बारवे आदि अक्राम्य स्थलों पर कैंप करते हुए चौकसी बनाने व बाढ़ सुरक्षा कार्यों को अविलंब पूरा करने का निर्देश दिया है. उन्हें यह भी निर्देश दिया गया है कि कनीय अभियंताओं के अधीन तटबंधों पर अपने प्रतिनियुक्त स्थल पर गृह रक्षक उपस्थित रहते हुए तटबंधों की सतत निगरानी सुनिश्चित की जाये.
सभी सीओ से तटबंधों पर प्रतिनियुक्त गृह रक्षकों की उपस्थिति का सत्यापन प्रतिवेदन की मांग भी डीएम ने की है. साथ ही सतत भ्रमणशील रहते हुए स्थिति पर नजर रखने का निर्देश सभी सीओ को दिया है. डीएम ने इन सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीओ को संबंधित क्षेत्र में पूरी स्थिति पर नजर रखने व आवश्यकतानुसार मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप सभी अपेक्षित कार्रवाई व माइकिंग कराना, जनसंख्या का निस्क्रमण व आवश्यकतानुसार राहत शिविर संचालन का निर्देश दिया है.
इस संबंध में सारण के एसपी हरकिशोर राय ने भी सभी पुलिस उपाधीक्षक, थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है. डीएम ने संभावित बाढ़ में राहत बचाव कार्यों के लिए जिला में प्रतिनियुक्त एनडीआरएफ दल को पानापुर अंचल में प्रतिनियुक्त किया है. साथ ही संबंधित सीओ व बीडीओ को निर्देश दिया है कि सभी स्थानीय संसाधनों की उपलब्धता का पुन: सत्यापन करते हुए आवश्यक प्रतिवेदन दे.
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इसके अलावा सभी एसडीओ को अपने अधिनस्थ अंचलों में स्लूइस गेटों का निरीक्षण कर लेने और वस्तुस्थिति पर सतत निगरानी रखने का जहां निर्देश दिया है. सिविल सर्जन व जिला पशुपालन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि अविलंब संबंधित अंचलों में संबंधित संबद्ध चिकित्सकों व कर्मियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के साथ आवश्यक मानव दवाओं, वैक्सीन व पशु दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करायी जाये.
सारण बाढ़ निसरण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार नेपाल द्वारा साढ़े तीन से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, जो मंगलवार की शाम तक सारण के पूरब में अवस्थित गंडक नदी में पहुंच जायेगा, जिसे लेकर विशेष निगरानी की जा रही है.