नेपाल के तराई इलाके में हो रही भारी बारिश के बाद वाल्मिकीनगर बराज से पानी छोड़े जाने का सिलसिला शुरू होने से गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। शुक्रवार को वाल्मिकी नगर बराज से दो लाख 21 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है। शुक्रवार को दियारा के निचले इलाके में गंडक नदी का पानी तेजी से फैलने लगा है। जिसके कारण दियारा इलाके के निचले इलाके के तीन दर्जन गांवों में नदी का पानी घुस गया है। नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ने से तटबंधों पर भी पानी को दबाव बढ़ने लगा है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए निचले इलाके में रहने वाले लोगों को ऊंचे स्थान पर जाने का आदेश जारी किया है। इसी बीच जिलाधिकारी अरशद अजीज, एसपी मनोज कुमार तिवारी तथा सदर अंचल के सीओ विजय कुमार सिंह सहित कई पदाधिकारियों ने दियारा इलाके का जायजा लिया। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने को देखते हुए जिलाधिकारी ने बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को 24 घंटे तटबंधों की निगरानी करने का निर्देश दिया है।
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नेपाल के तराई इलाके में लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके साथ ही वाल्मिकी नगर बराज से गंडक नदी में पानी छोड़ने का सिलसिला भी तेज हो गया है। गुरुवार की रात से गंडक नदी में लगातार डेढ़ लाख क्यूसेक से अधिक पानी पानी छोड़े जाने का सिलसिला प्रारंभ हो गया। प्रत्येक घंटे पानी के डिस्चार्ज की रफ्तार बढ़ता गया। शुक्रवार की शाम चार बजे गंडक नदी में 2,26,400 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। शुक्रवार की शाम छोड़ा गया पानी शनिवार तक जिले में पहुंचेगा। ऐसे में शनिवार को नदी के जलस्तर में और उछाल को देखते हुए प्रशासन ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देष जारी किया है। लगातार हो रही बारिश तथा गंडक नदी में पानी का डिस्चार्ज बढ़ने के कारण गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से दियारा के निचले इलाके में पानी फैलने लगा है। जिससे देखते हुए जिले के छह प्रखंडों की स्थिति पर कम्यूनिकेशन प्लान के माध्यम से नजर रखी जा रही है। इसके लिए सभी छह प्रखंड के कर्मी से लेकर अधिकारियों को एक ग्रुप से जोड़ा गया है। ताकि कहीं भी तटबंध में गड़बड़ी की सूचना मिलने के बाद त्वरित गति से कार्रवाई हो सके।
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नियंत्रण कक्ष से भी रखी जा रही नजर:
गंडक के जलस्तर में गुरुवार से लगातार हो रही वृद्धि के बीच प्रशासनिक स्तर पर दियारा इलाके में कड़ी नजर रखी जा रही है। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष के माध्यम से दियारा इलाके पर प्रशासन प्रत्येक घंटे की स्थिति पर जानकारी प्राप्त कर रहा है। साथ ही बाढ़ नियंत्रण विभाग के अभियंताओं को तटबंध पर ही कैंप करने को कहा गया है। ताकि तटबंध पर दबाव बनने की स्थिति पर उसपर तत्काल नियंत्रण पाया जा सके।
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लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने की दी गई सलाह:
गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के बाद प्रशासन ने दियारा इलाके में सतर्कता को बढ़ा दिया है। सदर अंचल के सीओ विजय कुमार सिंह ने दियारा इलाके का भ्रमण कर आम लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने का निर्देश जारी किया। इसके लिए पूरे दियारा इलाके में माइक से प्रचार प्रसार किया गया। सीओ ने आम लोगों को नदी के किनारे नहीं जाने का निर्देश जारी किया है। उन्होंने नदी के जलग्रहण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को विशेष तौर पर सतर्क रहने को कहा है। ताकि किसी भी विकट परिस्थिति में किसी तरह के जानमाल की क्षति नहीं हो। वहीं मांझा प्रखंड के गौसिया, पुरैना, भैसही में तटबंधों का मांझा सीओ शाहिद अख्तर ने निरीक्षण कर गंडक नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निचले इलाके के ग्रामीणों को ऊंचे स्थान पर जाने का निर्देश दिया।
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चारों तरफ पानी से घिर से ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी:
वाल्मिकी नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि का दौर जारी है। लगातार पानी बढ़ने से दियारा के निचले इलाके के गांवों में तेजी से पानी भर रहा है। पिछले 24 घंटों से लगातार जलस्तर में हो रही वृद्धि के कारण तीन दर्जन से भी अधिक गांवों के लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। चारों तक से पानी से घिरे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण ग्रामीणों से इस बात का डर है कि अगर इसी रफ्तार से जलस्तर बढ़ता रहा तो गांव से निकल पाना भी उनके लिए मुश्किल और बढ़ जाएगी। दियारा इलाके के लोगों ने बताया कि गुरुवार से गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। नदी का जलस्तर प्रति घंटे चार से पांच सेंटीमीटर बढ़ रहा है। यदि पानी बढ़ने की रफ्तार यही रही तो स्थिति और बिगड़ सकती है। हालत यह कि सदर प्रखंड के कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क पर पानी बहने के कारण इन गांवों में वाहनों का आना-जाना बंद हो गया है। ग्रामीण सड़क पर घुटने भर से भी अधिक पानी को पार कर गांव से बाहर आने को विवश हैं। जिन गांवों में गंडक नदी के जलस्तर के बढ़ने से अधिक प्रभाव पड़ा है उनमें सदर प्रखंड के जगीरी टोला गांव के 14 टोला के अलावा कठघरवां, खैरटिया रामनगर, मंझरियां, मलाही टोला, मकसूदपुर, खाप मकसूदपुर तथा जगीरी टोला, बैकुंठपुर प्रखंड के गम्हारी पंचायत के तीन गांव व फैजुल्लाहपुर पंचायत के दो गांव एवं बरौली प्रखंड के कई गांव शामिल हैं।
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एक दर्जन से अधिक विद्यालयों में घुसा पानी:
गंडक नदी का पानी शुक्रवार को दियारा इलाके के एक दर्जन विद्यालयों में प्रवेश कर गया। जानकारी के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण सदर प्रखंड के सात विद्यालयों के अलावा कुचायकोट प्रखंड के दो, बैकुंठपुर प्रखंड के दो, मांझा प्रखंड के दो, बरौली के दो विद्यालयों में नदी का पानी प्रवेश कर गया। शुक्रवार की सुबह सदर प्रखंड के खैरटिया रामनगर हाई स्कूल में दो फिट तक पानी बहने लगा। सदर प्रखंड के खाप मकसूदपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय मलाही टोला, प्राथमिक विद्यालय जगीरी टोला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय कठघरवां तथा प्राथमिक विद्यालय मंझरियां में भी बाढ़ का पानी भर गया है।
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डीएम ने किया तटबंध का निरीक्षण:
जिलाधिकारी अरशद अजीज ने एसपी मनोज कुमार तिवारी व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ शुक्रवार को पहुंचकर तटबंध की स्थिति का विस्तृत जायजा लिया। उन्होंने पतहरा में बनाए गए कैंप में पहुंचकर वहां कर्मियों व बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधकारियों की मौजूदगी के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही तटबंध की सुरक्षा व कटाव होने की स्थिति में उससे निपटने को लेकर की गई तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को हर स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद रहने का निर्देश जारी किया है।