मार्च महीने के अंतिम सप्ताह मे जिले में कोरोना का पहला संक्रमित व्यक्ति मिला। यह इस जिले के लिए बड़ा झटका था। अभी लोग इस झटके से संभले ही नहीं कि उचकागांव व भोरे प्रखंड में कोरोना पॉजिटिव के दो नए मामले सामने आ गए। एक सप्ताह के अंदर तीन लोगों के कोरोना पॉजीटिव मिलने के बाद प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बढ़ी। पूरे जिले में लगातार सख्ती का नतीजा यह रहा कि गोपालगंज जिला झटका खाने के बाद कोरोना की जंग में संभल गया है।
बात आंकड़ों से शुरु करते हैं। मार्च महीने में विदेश से लौटे तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए। इसके बाद इन लोगों के संपर्क में आए 76 लोगों की जांच कराई गई। इनके संपर्क में आए लोगों की कोविड 19 जांच निगेटिव मिली। अभी प्रशासन संबंधित इलाकों को अपने नियंत्रण में लेकर लॉकडाउन को और सख्त बनाने की कवायद में ही लगा था कि उत्तरप्रदेश की सीमा से जुड़े इस जिले में दूसरे प्रांतों से आने वाले कामगारों का तांता लगा रहा। लॉकडाउन के बाद 13 अप्रैल तक 11,529 प्रवासी जिले में पहुंचे। सभी लोगों की स्क्रीनिग की गई तथा दूसरे जिले के लोगों को उनके जिलों में पहुंचाया गया। इस बीच यूपी-बिहार की सीमा पर पहुंचे 6727 लोग गोपालगंज के ही निवासी निकले। इन्हें क्वारंटाइन सेंटर पर रखकर इनकी सतत निगरानी की गई। लेकिन कामगार इस जिले के लिए संकट नहीं बने। दूसरे प्रदेश से पहुंचे जिले के कामगारों में एक भी व्यक्ति जांच में कोरोना पॉजिटिव नहीं पाया गया। यह बात इस जिले के लिए राहत भरी रही। लेकिन इतनी अधिक संख्या में प्रवासियों के इस जिले में प्रवेश करने के बाद भी शुरुआती झटका खाने के बाद कोरोना की जंग में गोपालगंज जिला संभल गया। दूसरे प्रांतों से आने वाले प्रवासी जिले के लिए खतरा नहीं बने। पड़ोसी सिवान के कोरोना का हॉटस्पॉट बनने के बाद भी गोपालगंज ने कोरोना से जंग अब तक लगभग जीत लिया है।
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बाहर से आने वालों पर प्रशासन ने रखी सख्त नजर
गोपालगंज : जिले में तीन कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने बाहर से आने वालों पर सख्त नजर रखने के लिए व्यापक पैमाने पर योजना बनाई। तीनों कोरोना पॉजिटिव युवक विदेश से अपने घर लौटे थे। इसे देखते हुए प्रशासन ने पहले चरण में विदेश से लौटै लोगों को चिन्हित कर उन्हें क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनकी जांच कराई। इसके साथ ही दूसरे प्रांतों से आने वालों की भी पहचान कर उन्हें क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया। इस काम में प्रशासन ने पंचायत प्रतिनिधियों से भी सहयोग लिया। प्रशासन की इस पहल से कोरोना की जंग में शुरुआती झटका खाने के बाद प्रशासन ने स्थिति को पूरी तरह से संभाल लिया।