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कुचायकोट : प्रारंभ हुई सफाई, दोबारा चीनी मिल चालू होने की बढ़ी उम्मीद

करीब दो सप्ताह तक सासामुसा चीनी मिल के बंद रहने के बाद एक बार फिर इसके प्रारंभ होने की उम्मीद जग गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो एक से दो दिन में मिल का पेराई कार्य दोबारा प्रारंभ हो जाएगा। चीनी मिल प्रबंधन, सेंट्रल बैंक प्रबंधन और गन्ना विभाग के पदाधिकारियों के कई दौर की वार्ता के बाद सासामुसा चीनी मिल के संचालन को लेकर सहमति बन गई है ।
 
रविवार देर शाम तक अगर सारी औपचारिकताएं पूरी हो गई तो एक से दो दिन में मिल का संचालन शुरू हो जाएगा। मिल प्रबंधन ने मिल संचालन को लेकर आवश्यक तैयारियों को भी पूर्ण कर लिया है। इसके तहत तमाम कल पुर्जों की साफ-सफाई और पाइप लाइन के सफाई का कार्य तेजी से प्रारंभ हो गया है।
विदित हो कि आर्थिक संकट और पारिवारिक समस्याओं से जूझ रहे सासामुसा मिल का संचालन 26 जनवरी की सुबह अचानक रोक दिया गया। मिल प्रबंधन से जुड़े तमाम लोग और मिल कर्मी भी मिल छोड़ कर चले गए। आनन-फानन में इस तरह मिल के बंदी से किसानों और मजदूरों में निराशा छा गई। मिल प्रबंधन का कहना था कि मील में हुए दुर्घटना के बाद सरकार से अनुदान की मांग की गई थी। लेकिन इस मद में कोई राशि नहीं मिलने और बैंक के शाखा द्वारा चीनी से बिक्री के पैसे में ज्यादा राशि ब्याज के नाम पर काट लिए जाने से मिल के संचालन में दिक्कत आ रही है। इसको लेकर मिल प्रबंधन बैंक प्रबंधन और गंदा विभाग के पदाधिकारियों में कई दौर की वार्ता पटना में हुई। जिसके बाद मिल के संचालन को लेकर सबकी सहमति बनी।
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मिल सूत्रों ने बताया कि रविवार को कैजुअल मजदूरों का बकाया राशि का कुछ हिस्सा भुगतान भी प्रबंधन ने प्रारंभ कर दिया। मिल प्रबंधन से जुड़े साजिद अली का कहना था कि सारी समस्याओं का समाधान निकाल लिया गया है और आवश्यक औपचारिकताओं के बाद एक से दो दिन में मिल का संचालन पुन: शुरू कर दिया जाएगा। विदित हो कि सासामुसा चीनी मिल पर किसानों का 40 करोड़ से अधिक का बकाया है। जबकि 12 करोड़ से अधिक की राशि मिल कर्मियों का मिल के जिम्मे बाकी है। इस बारे में साजिद अली का कहना था कि जैसे-जैसे गन्ने की पेराई होगी और चीनी की बिक्री की जाएगी सभी का भुगतान किया जाएगा।