राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 28 पर कुचायकोट थाना क्षेत्र के बलथरी चेकपोस्ट के समीप से बुधवार को बरामद किए गए 1014 कछुओं को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंद्रमणि कुमार के न्यायालय ने सुरक्षित इलाके में गंडक नदी में छोड़ने का आदेश दिया है। न्यायालय ने कछुओं को गंडक नदी में छोड़े जाने के दौरान अपनाए जाने वाली पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी करने व उसकी रिपोर्ट न्यायालय में उपलब्ध कराने को कहा है। कछुओं के साथ गिरफ्तार किए आरोपित सन्नी कुमार को गुरुवार को न्यायालय में प्रस्तुत करने के बाद उसे चौदह दिनों की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया।
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जानकारी के अनुसार बुधवार की दोपहर उत्पाद विभाग की टीम ने जांच के दौरान उत्तरप्रदेश की ओर से आ रहे एक कार यूपी 44 एन 7200 से 20 जूट के बोरा में रखा गया 1014 जीवित कछुआ बरामद किया था। इस बीच कार में सवार अन्य लोग मौका देखकर फरार हो गए। जबकि कार को चला रहा अमेठी जिला के जगदीशपुर थाना क्षेत्र के गांधीनगर निवासी सन्नी कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। उत्पाद विभाग की सूचना के बाद मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने 1014 जीवित कछुए को जब्त करने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई। वन क्षेत्र पदाधिकारी गोपालगंज राकेश कुमार गुप्ता ने कछुए की बरामदगी के मामले में दर्ज प्राथमिकी में सन्नी कुमार तथा उसके चार अन्य साथियों के विरुद्ध वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 48, 48 क, 49, 49 ख तथा 51 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें कछुआ को पकड़ने, शिकार करने, व्यापार व परिवहन करने पर रोक के बावजूद इस एक्ट का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। वन क्षेत्र पदाधिकारी ने बताया कि विभाग के सिड्यूल के भाग दो में अंकित वन्य प्राणियों को पकड़ने पर पूर्ण रूप से रोक लगाई गई है। ऐसे में इसे पकड़कर उन्हें वाहन पर ले जाना गंभीर अपराध है। उन्होंने बताया कि सिड्यूल एक के भाग दो में कछुआ भी अंकित है। उधर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद गुरुवार को वन विभाग की टीम ने गिरफ्तार किए गए सन्नी कुमार को न्यायालय में प्रस्तुत किया। जिसे न्यायालय के आदेश पर जेल भेज दिया गया। वन विभाग ने जब्त किए गए 1014 कछुए को मुक्त करने के लिए गुरुवार को जब सीजेएम के न्यायालय में आवेदन दिया तो सुनवाई के दौरान न्यायालय ने जब्त सभी कछुए को गंडक नदी में सुरक्षित स्थान पर छोड़ने का निर्देश जारी किया।
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कार से जब्त किया गया था 4.1 किलो कछुए का खाल:
गोपालगंज : उत्पाद विभाग की सूचना के बाद जब वन विभाग की टीम बलथरी चेकपोट पर पहुंची तो इस टीम ने कार के एक कार्टन में छिपाकर रखा गया 4.1 किलो कछुए की खाल को भी बरामद किया। वन विभाग ने दावा किया है कि कार से कछुए की खाल का बरामद होना, यह साबित कर रहा है कि इसके कारोबार में शामिल लोग इसका व्यापार करते थे। वन विभाग की टीम ने बताया कि अबतक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि इस कारोबार में पकड़े गए आरोपित के अलावा चार अन्य लोग भी लगे थे।
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लंगड़ा ने गोरखपुर में हायर की थी कार:
गोपालगंज : जिला वन क्षेत्र पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अबतक की जांच में इस बात का खुलासा हुआ कि पिकअप से कछुए को गोरखपुर लाया गया था। जहां लंगड़ा नामक व्यक्ति ने गोरखपुर में कार हायर किया। गोरखपुर में कार लेकर सुबह आठ बजे सन्नी कुमार पहुंचा। जहां पिकअप से कछुए को कार पर लादा गया। इस कार्य में तीन अन्य लोग लगे थे। उन्होंने बताया कि सन्नी कुमार का बयान दर्ज करने के बाद लंगड़ा व उसके तीन अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।
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निल्सनिया गैंगेटिका व लिस्मिम्स पंचटाटा प्रजाति के हैं कछुआ:
गोपालगंज : बरामद किए गए कछुआ निल्सनिया गैंगेटिका व लिस्मिम्स पंचटाटा प्रजाति के हैं। इन दोनों प्रजाति के कछुआ गंगा नदी में पाए जाते हैं। जिससे वन विभाग का यह अनुमान है कि तस्करों ने इन कछुआ को इलाहाबाद या उसके आसपास गंगा नदी से पकड़ा होगा। वहां से कछुओं को अमेठी लाने के बाद उसे गोरखपुर पहुंचा दिया गया। वहां से कार में 1014 कछुआ को तस्करी कर मुजफ्फरपुर ले जाया जा रहा था। इस बीच बलथरी चेकपोस्ट के समीप उत्पाद विभाग की टीम ने कछुआ को बरामद करते हुए कार चला रहे अमेठी निवासी सन्नी कुमार को गिरफ्तार कर लिया। वैसे लिस्मिस्म पंचटाटा प्रजाति के कछुआ गंगा नदी के साथ ही राजस्थान के रेगिस्तान के तालाबों के साथ ही अंडमान द्वीप पर भी पाए जाते हैं।