गर्भनिरोधक के उपयोग से अनचाहे गर्भ में बचाव, प्रजनन स्वास्थ्य को बेहतर करने में सहयोग
विश्व गर्भनिरोधक दिवस पर लोगों को किया जाएगा जागरूक
गर्भनिरोधक साधनों से कुल प्रजनन दर में आएगी कमी
मिशन परिवार विकास के तहत विशेष सुविधा उपलब्ध
स्वास्थ्य संवाददाता गनपत की रिपोर्ट: गर्भनिरोधक साधनों के उपयोग से अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है। अनचाहे गर्भ से जहां माताओं को बच्चों के बेहतर देखभाल में मुश्किलें आती है, वहीं इससे माता एवं शिशु के स्वास्थ्य प्रभावित होने के ख़तरे भी बढ़ जाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विकासशील देशों में 21 करोड़ से अधिक महिलाएं अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाना चाहती हैं लेकिन तब भी उनके द्वारा किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग नहीं किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए आम लोगों को गर्भनिरोधक के इस्तेमाल पर जागरूक करने के लिए 26 सितंबर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत वर्ष 2007 से हुयी है।
गर्भनिरोधक के उपयोग बढ़ाने की जरूरत :
परिवार नियोजन के बेहतर परिणाम के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। लेकिन सरकारी प्रयासों के इतर सामुदायिक जागरूकता अभी भी कई चुनौतियाँ पेश करती हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार सिवान जिले में 15 साल से 49 साल तक की 9 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग करती हैं। जबकि 8.8 प्रतिशत महिलाएं नवीन गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल करती हैं।
बिहार में वर्ष 2005-06 में 15 साल से 49 साल तक की 34 प्रतिशत महिलाएं किसी ना किसी गर्भनिरोधक साधन का उपयोग करती थीं, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 24 प्रतिशत हो गया। वहीं वर्ष 2005-06 में 28.9 प्रतिशत महिलाएं किसी नवीन गर्भनिरोधक साधन का इस्तेमाल करती थीं, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 23.3 प्रतिशत हो गया।
कंडोम बॉक्स एक अच्छी पहल : जिला सिविल सर्जन डॉ. माधेश्वर झा ने बताया जिले में 26 सितम्बर को विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाया जाएगा। इस मौके पर जिला सहित प्रखंड स्तर पर लोगों को परिवार नियोजन साधनों के विषय में जानकारी दी जाएगी। जिले के सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कंडोम बॉक्स लगाए गए हैं। इससे परिवार नियोजन साधनों के इस्तेमाल में तेजी भी आ रही है।
राज्य के 36 जिलों में मिशन विकास परिवार की शुरुआत : सैंपल रेजिस्ट्रेसन सर्वे-2016 के आंकड़ो के अनुसार बिहार की कुल प्रजनन दर 3.3 है। जिसका अर्थ है बिहार में प्रति महिला बच्चों की संख्या 3.3 है। वहीं देश की कुल प्रजनन दर 2.2 है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 3 से अधिक प्रजनन दर वाले राज्यों में मिशन विकास परिवार की शुरुआत की गयी है। जिसमें बिहार के पटना एवं अरवल जिले को छोड़कर 36 जिलों में परिवार नियोजन कार्यक्रम को विशेष प्रोत्साहित करने के लिए मिशन विकास परिवार की शुरुआत की गयी है।
वर्ष 2025 तक प्रजनन दर 2.1 करने का लक्ष्य: मिशन विकास परिवार के तहत वर्ष 2025 तक बिहार के प्रजनन दर को 2.2 तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही परिवार नियोजन कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करने के लिए मिशन विकास परिवार के तहत कुछ विशेष सेवाओं को शामिल किया गया है। जिसमें नवीन गर्भनिरोधक साधन अंतरा एवं छाया, सारथी वैन से परिवार नियोजन पर जागरूकता, नवदंपति के लिए नयी पहेली किट एवं सामुदायिक जागरूकता के लिए सास-बहू सम्मेलन जैसी नवीन गतिविधियों को शामिल किया गया है।
गर्भनिरोधक के फ़ायदे
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी
प्रजनन संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं से बचाव
अनचाहे गर्भ से मुक्ति
एचआईवी-एड्स संक्रमण से बचाव
किशोरावस्था गर्भधारण में कमी
जनसंख्या स्थिरीकरण में सहायक