जिले में कोरोना (Coronavirus) के नौ नए मामले सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने सभी सम्बंधित गांवों और इलाकों को सील (Seal) करने के साथ ही उन गांवों में बैरिकेटिंग करने का काम शुरू कर दिया है. यानी कोरोना प्रभावित गांवों में न किसी को जाने की अनुमति दी जाएगी और न ही इन गांवो से किसी को बाहर आने दिया जायेगा. गोपालगंज डीएम ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान नहीं देने और लॉकडाउन का सख्ती से पालन करने की अपील की है.
दो मरीज मधुबनी और दरभंगा के:
बता दें कि गोपालगंज में जिन नौ नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पहचान हुई है उसमें सात मरीज गोपालगंज के हैं जबकि दो मरीज मधुबनी और दरभंगा के हैं. दोनों मरीज मुंबई और दिल्ली से अपने घर वापस लौट रहे थे लेकिन उन्हें बिहार की सीमा में प्रवेश करते ही गोपालगंज में रोककर उन्हें क्वारंटाइन में रखकर उनकी जांच करायी गई जिसमें उनका सैंपल पॉजिटिव आया है. जिले में जिन सात नए मरीजों की पहचान हुई है उन सभी कोरोना मरीजों के सम्पर्क में आये 78 लोगो को भी क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनका सैंपल पटना जांच के लिए भेजा गया है.
घर के लोगों को किया गया क्वारेंटाइन
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक जिले में सभी 07 मरीजो में कोरोना का लक्षण था. लक्षण के आधार पर ही उनकी जांच की गयी जिसमें सभी संदिग्ध मरीजो की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है. सदर प्रखंड के काकडकुंड के जिस युवक में कोरोना का संक्रमण है उसके घर के 21 लोगों को आज क्वारंटाइन सेण्टर में लाया गया जहां उनका सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है. इसके अलावा भोरे में एक बुजुर्ग महिला और एक बुजुर्ग पुरुष में कोरोना के पॉजिटिव रिपोर्ट आई है. इन दोनों लोगों द्वारा 31 लोगों के सम्पर्क में आने के बाद सभी 31 लोगो को क्वारंटाइन सेण्टर में लाया गया है.
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अबतक 1100 लोगों को किया जा चुका है क्वारेंटाइन
फुलवरिया में भी दो बुजुर्ग मरीजो में कोरोना के पॉजिटिव रिपोर्ट आई है. कुल मिलाकर सभी 78 लोगों को क्वारंटाइन सेण्टर में रखकर उनका सैंपल भेजा गया है. कोरोना प्रभावित गांवो को कन्टेनमेंट जोन घोषित कर वहा बांस और अन्य साधनों से गांव में जाने वाले सभी रास्तो को सील कर दिया गया है लगातार माइक से लोगो को आगाह किया जा रहा है. और लोगो को सख्ती से लॉक डाउन का पालन करने की अपील की जा रही है. जिला प्रशासन के द्वारा दूसरे राज्यों से आये 1100 लोगो को अलग अलग जगहों पर क्वारंटाइन सेण्टर में रखा गया है. जिसमे अधिकतर लोग महाराष्ट्र , पुणे , बंगलौर, यूपी और दिल्ली से है. जो बिहार में प्रवेश करते ही प्रशासन के द्वारा यहाँ रखे गए है.