प्रेम-प्रसंग में पांच लोगों ने मिलकर दिया था वारदात को अंजाम
हत्या के दो दिन बाद मिला था नवका बारी गांव में युवक का शव
कुचायकोट थाना क्षेत्र के रामपुर खरेया गांव में 22 वर्षीय युवक का अपहरण कर वीभत्स हत्या करने के मामले में एडीजे-आठ शोभाकांत मिश्रा की कोर्ट ने चार अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 45-45 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है. अर्थदंड जमा करने के बाद आधी रकम मृतक के परिजनों को दी जायेगी. अर्थदंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी. शुक्रवार को न्यायालय में सजा सुनाये जाने के बाद सभी अभियुक्तों को पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच चनावे जेल भेज दिया. कोर्ट ने सरकार के वकील विजय कुमार वर्मा, विनय पांडेय तथा बचाव पक्ष के वकील दिलीप प्रसाद, जितेंद्र सिंह की दलीलों को सुनने के बाद कहा कि ऐसी वीभत्स घटना में आरोपित को उम्रकैद से कम सजा नहीं होनी चाहिए.
कोर्ट ने आरोपित ऐहसान उर्फ भोला मियां, सतार मियां, म. मेराज व महम्मद्दीन मियां को उम्रकैद की सजा सुनाई. गौरतलब है कि 20 सितंबर 2016 को प्रेम -प्रसंग के मामले में खेदन चौधरी के पुत्र जीतन उर्फ जितेंद्र यादव का अपहरण कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में पीड़ित पिता के बयान पर मृतक के करीबी दोस्त ऐहसान उर्फ भोला मियां के विरुद्ध पुलिस ने नामजद प्राथमिकी दर्ज किया था. बाद में जांच के दौरान पुलिस ने चार और आरोपितों को अभियुक्त बनाया. जिसमें चार लोगों कोर्ट से सजा मिल चुकी है. एक अन्य पर ट्रायल चल रहा है.
ऐसे हुई जीतन उर्फ जितेंद्र यादव की हत्या : रामपुर खेरया गांव के जीतन उर्फ जितेंद्र यादव का करीबी दोस्त ऐहसान उर्फ भोला मियां था. दोस्ती ऐसी थी कि दोनों एक साथ उठते-बैठते और खाते-पीते थे.
एक दिन ऐसा मौका आया कि ऐहसान उर्फ भोला मियां धोखे से जीतन को बुलाकर अपने साथ ले गया और गांव के ही चार लोगों के साथ मिलकर जघन्य हत्या करा दी. हत्या के बाद पुलिस से बचने के लिए दोनों आंखें निकाल ली और लिंग काट दी. मुंह में कपड़ा ठूसकर पेड़ पर शव को टांग दिया था. 20 सितंबर 2016 को जितेंद्र यादव गायब हुआ था. पुलिस ने 22 सितंबर को शव बरामद किया था. हत्याकांड में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए परिजनों ने कई दिनों तक आंदोलन किया था.
कासीम पर चल रहा ट्रायल : हत्याकांड के पांचवें अभियुक्त कासीम मियां के विरुद्ध पुलिस ने चार्जशीट नहीं सौंपा है. कोर्ट में कासीम के विरुद्ध ट्रायल चल रहा है. परिजनों ने कहा कि पांचवें आरोपित को भी सजा मिलने पर सुकून मिलेगी. कासीम पर हत्या में शामिल होने का आरोप है.
कोर्ट ने लगाया 45-45 हजार रुपये का अर्थदंड, एडीजे-आठ शोभाकांत मिश्रा की अदालत ने सुनायी सजा
इंसाफ मांगने पर परिजनों पर हुई प्राथमिकी
जीतन उर्फ जितेंद्र यादव की हत्या होने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर परिजनों ने पुलिस से गुहार लगायी. पुलिस ने चार दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके विरोध में नाराज परिजनों ने ग्रामीणों के साथ नेशनल हाईवे को जाम कर दिया. इस मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष महेंद्र कुमार ने मृतक की बहन, भाई, पिता समेत 52 लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की थी. यह मामला कोर्ट में चल रहा है.
परिजनों ने कहा, मिलनी चाहिए फांसी
जीतन उर्फ जितेंद्र यादव की हत्या के मामले में कोर्ट का फैसला आते ही मृतक के परिजन फफक पड़े. परिजनों की आंखों से निकलते आंसू को देख मौजूद लोग भी मर्माहत थे. मृतक के पिता खेदन चौधरी और उसके भाई ने कहा कि जघन्य तरीके से जितेंद्र की हत्या की गयी थी. इस मामले में कोर्ट से आरोपितों को फांसी की सजा मिलने की उम्मीद थी. परिजनों ने कोर्ट की सजा पर संतोष जताते हुए कहा कि आज इंसाफ मिला है.
इनको मिली उम्रकैद
एहसान उर्फ भोला मियां
सतार मियां
म. मेराज मियां
महम्मद्दीन मियां