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हत्या के आरोप में पूरी जवानी गुजर गयी जेल में, 28 साल बाद साबित हुआ बेगुनाह

अपहरण और हत्या के आरोप में देवरिया के एक युवक को पूरी जवानी गोपालगंज जेल में गुजारनी पड़ी. जब उसकी उम्र 56 साल की हो गयी, तो कोर्ट ने उसे बेगुनाह पाया. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश- 5 विश्वविभूति गुप्ता की अदालत ने गुरुवार को उसे दोषमुक्त पाते हुए बाइज्जत बरी कर दिया. कोर्ट का फैसला सुनते ही अधेड़ हो चुका वह व्यक्ति कोर्ट में फूट-फूट कर रो पड़ा.

कोर्ट ने पुलिस की चूक पर भी टिप्पणी की, मामला 1993 का

कोर्ट ने पुलिस की चूक पर भी टिप्पणी की है. ट्रायल के दौरान पुलिस न तो कोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रख सकी और केस के आइओ और पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर गवाही देने के लिए आये. पुलिस चार्जशीट तक नहीं सौंप पायी. मामला 1993 का है. यूपी के देवरिया के बीरबल भगत को भोरे थाना के हरिहरपुर गांव के रहने वाले सूर्यनारायण भगत के अपहरण व हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

पुलिस कोई साक्ष्य नहीं दे पायी तो हुआ दोषमुक्त

शुरू में सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चली. फिर वर्षों बाधित रही. अंत में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-5 की कोर्ट में जब कांड ट्रांसफर होकर पहुंचा, तो कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया. इसकी सुनवाई तेजी से हुई. कोर्ट के सामने पुलिस कोई साक्ष्य नहीं दे पायी. अंत में अभियुक्त को दोषमुक्त कर दिया गया. कागजी कार्रवाई पूरा होने के बाद शुक्रवार को बीरबल जेल से छूट जायेगा.

घरवालों ने भी जेल से छुड़ाने के लिए नहीं की कोई पहल

बीरबल भगत को पुलिस ने जब गिरफ्तार किया था, तो उसकी उम्र 28 वर्ष थी. आज 56 वर्ष के बाद वह जेल से बाहर होगा. उसे अपराधी मानकर परिजन व रिश्तेदारों ने भी उसे जेल में छोड़ दिया. किसी ने जमानत तक कराने के लिए कोर्ट में अर्जी नहीं दी और न ही कोई जेल में मिलने आया.

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