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स्वास्थ्य समाचार/ कोरोना योद्धा बनकर अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे हैं डीपीएम धीरज कुमार

कोरोना योद्धा बनकर अपने कर्तव्यों को बखूबी निभा रहे हैं डीपीएम धीरज कुमार
• आइसोलेशन सेंटर और कोविड-19 सेंटर समेत अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में सुविधाओं की उपलब्धता करा रहे हैं सुनिश्चित
• 5 महीने से बिना किसी छुट्टी लिए निरंतर दे रहे हैं अपनी सेवा
गोपालगंज: कोविड-19 के रोकथाम के प्रयासों स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका सबसे अहम साबित हुयी है. संक्रमण की रोकथाम में डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मी, पुलिसकर्मी के साथ अन्य क्षेत्रीय स्तर के स्वास्थ्य कर्मी भी मजबूती के साथ अपना योगदान दे रहे हैं। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो अपने परिवार से दूर रहकर निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देने में जुटे हैं। इसी सूची में जिला स्वास्थ समिति के डीपीएम धीरज कुमार भी शामिल हैं जो पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन निष्ठा भाव से कर रहे हैं । वह दिन रात स्वास्थ्य केंद्रों कोविड केयर सेंटर एवं आइसोलेशन सेंटर में सुविधाओं और व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कोविड केयर सेंटर और आइसोलेशन में कर्मियों की पदस्थापना, खाना, पानी, बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर सहित अन्य जरूरी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। डीपीएम धीरज कुमार आइसोलेशन सेंटर में मरीजों के उपचार के लिए सभी जरूरी उपकरणों की उपलब्धता भी सुनिश्चित करा रहे हैं। इतना ही नहीं अपनी सेवा के दौरान कोरोना के उपचाराधीन मरीजों का मनोबल और हौसला भी बढ़ाते हैं । उनके इस कार्य की चिकित्सा कर्मियों ने भी बहुत सराहना की है और उनके जज्बे को सलाम किया है। डीपीएम धीरज कुमार अपने साहस सेवा और समर्पण और कभी ना हार मानने वाले जज्बे का जिस तरह से कोरोना के रोकथाम के प्रयासों में है वह सबके लिए अनुकरणीय है।
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असली कोरोना योद्धा बनकर उभरे:
डीपीएम धीरज कुमार ने संक्रमण के शुरुआत से ही अपनी जिम्मेदारियों के प्रति गंभीर रहे हैं. आमतौर पर तो लोगों की यही धारणा बनती है कि एक स्वास्थ्य कर्मी होने के नाते लोगों की सेवा करना उनकी ड्यूटी में शामिल है. लेकिन कोरोना संक्रमण काल में ड्यूटी से ऊपर उठकर उन्होंने सेवा भाव के साथ जी कार्य किया है वह प्रशंसनीय है. उनके सेवा भाव का ही नतीजा है कि सिविल सर्जन सहित अन्य स्वास्थ्य पदाधिकारी उन्हें असली कोरोना योद्धा का तमगा दे रहे हैं.
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5 माह से बिना छुट्टी लिए कर रहे हैं ड्यूटी:
डीपीएम धीरज कुमार पैर से दिव्यांग होने के बावजूद भी अपने कर्तव्य से कभी पीछे नहीं हटते हैं. वह अपने फर्ज को बखूबी निभा रहे है। करीब 5 महीने से बिना छुट्टी लिए निरंतर अपनी सेवा कोरोना के खिलाफ इस जंग में दे रहे है। लेकिन एक दुर्घटना में हाल ही में उनका पैर फ्रैक्चर हो गया है. फिर भी वह अपने घर से ही कार्य कर रहे हैं। इस परिस्थिति में भी वह अपने कर्तव्य के प्रति समर्पित हैं और घर से ही वह आइसोलेशन सेंटर , कोविड केयर सेंटर व अन्य स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थाओं और सुविधाओं की उपलब्धता की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ।
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जिले को कोरोना मुक्त बनाने की हो रही हर संभव प्रयास:
डीपीएम धीरज कुमार कहते हैं कि जिले को करोना मुक्त करने की दिशा में जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमा हर संभव प्रयास कर रहा है। इसमें उनकी तरह अन्य स्वास्थ्य कर्मी भी बहुमूल्य योगदान दे रहे हैं. अभी का दौर सिर्फ संक्रमण का दौर नहीं है बल्कि आसपास के लोगों की हर संभव सेवा करने का एक अवसर भी है। उन्होंने बताया ऐसे संकट में जरूरी है कि सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को सफ़ल बनाने के लिए लोग भी भागीदारी बनें. संक्रमण का प्रसार आसानी से रोका जा सकता है. सिर्फ़ लोगों को जागरूक एवं सतर्क होकर रोकथाम के उपायों का पालन करना है. स्वास्थ्य विभाग लोगों को हर संभव मदद पहुँचाने की दिशा में निरंतर प्रयास रत है. उन्होंने बताया कोरोना को हराने का मूल मंत्र हमारे सकारात्मक व्यवहार में छिपा है. मास्क का इस्तेमाल करना, लोगों से 6 फीट की दूरी बनाये रखना एवं हाथों की सफाई करते रहना ही कुछ ऐसे व्यवहार है जो कोरोना को पराजित कर सकती है.
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