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राजद विधायक ने जज से कहा- यह पहला अपराध है हुजूर, माफ कर दीजिए; अदालत ने सुना ही दी सजा

बैकुंठपुर के राजद विधायक प्रेमशंकर यादव तथा कटेया की पूर्व राजद विधायक किरण राय समेत तीन को अदालत ने 200-200 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। यह कार्रवाई विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने आदर्श आचार संहिता और धारा-144 के उल्लंघन के मामले में की है। इससे पहले तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में लिया गया। यह जानकारी गोपालगंज अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी ओमप्रकाश सिन्हा ने दी।

राजद विधायक समेत तीनों आरोपितों ने अदालत में गुहार लगाते हुए कहा- यह पहला अपराध है हुजूर। भविष्य में इस तरह के किसी आपराधिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे। सदैव विधि द्वारा स्थापित कानून का पालन करेंगे एवं एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। इस पहले अपराध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए माफ कर दिया जाए।

धारा-188/34 के तहत पाया दोषी

गोपालगंज अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी ओमप्रकाश सिन्हा ने कहा कि तीनों आरोपितों का यह पहला अपराध है। इन्होंने लोकसेवक होने के बावजूद आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया। ऐसे में इन्हें सजा दी जाए। इसके बाद विशेष न्यायाधीश (एमपी-एमएलए) मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने राजद विधायक प्रेमशंकर यादव, पूर्व राजद विधायक किरण राय एवं राजद कार्यकर्ता संजय उपाध्याय को भारतीय दंड संहिता की धारा-188/34 के तहत दोषी पाते हुए तीनों को 200-200 रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई।

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है मामला

वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान 22 अप्रैल 2019 को गोपालगंज नगर थाने में आदर्श आचार संहिता उल्लंघन तथा धारा-144 के उल्लंघन को लेकर प्राथमिकी की गई थी। प्राथमिकी में भोरे थाना क्षेत्र के ग्राम कोरेया निवासी स्व. उपेन्द्र राय की पत्नी पूर्व विधायक किरण राय, बैकुंठपुर थाना क्षेत्र के ग्राम गोरौली निवासी प्रेमशंकर यादव, नगर थाना क्षेत्र के ग्राम बंगरा निवासी संजय उपाध्याय एवं 20 से 25 अज्ञात लोगों को आरोपित बनाया गया था।

नहीं ली थी जुलूस की अनुमति

थावे के तत्कालीन अंचल पदाधिकारी गणेश झा ने नगर थाने में किए गए प्राथमिकी कराई गई थी, इसका कांड संख्या 201/2019 है। इस प्राथमिकी में कहा गया था कि लोकसभा चुनाव-2019 को लेकर राजद के प्रत्याशी सुरेंद्र महान के नामांकन देखते हुए अंचल पदाधिकारी की ड्यूटी समाहरणालय के ड्राप गेट पर लगाई गई थी। इस दौरान पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, संजय उपाध्याय एवं 20-25 अज्ञात लोग झंडा, बैनर लिए तथा ढोल-नगाड़ा बजाते हुए मौके पर पहुंचे और ड्राप गेट से अंदर जाने की कोशिश करने लगे। इस तरह के किसी जुलूस की अनुमति संबंधित लोगों द्वारा नहीं ली गई थी।

अनुसंधानकर्ता थे दारोगा सुमन मिश्रा

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होते देख इस बात की सूचना ड्राप गेट पर तैनात अंचल पदाधिकारी ने एसडीएम सह नोडल पदाधिकारी, आदर्श आचार संहिता कोषांग को दी। इसके बाद उन्हें अंदर जाने से रोका जा सका। इस मामले में पूर्व विधायक किरण राय, प्रेमशंकर यादव, राजद कार्यकर्ता संजय उपाध्याय एवं 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन और धारा-144 के उल्लंघन को लेकर धारा 188/171एच आइपीसी के तहत प्राथमिकी की गई थी। केस का अनुसंधानकर्ता दारोगा सुमन मिश्रा को बनाया गया था। 28 अगस्त 2019 को अनुसंधानकर्ता ने तीनों नामजद आरोपितों के विरुद्ध मामले को सत्य पाते हुए आरोप पत्र समर्पित कर दिया था। 17 सितंबर 2019 को न्यायालय द्वारा सभी आरोपितों के विरुद्ध संज्ञान लिया गया।